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कोरोना रेपिड टेस्ट मुफ्त होने के बावजूद लोगों से वसूले जा रहे हैं 450 रुपए

सूरत , शहर में कोरोना संक्रमण बढ़ने से सूरत महानगर पालिका ने धन्वतरी रथ पर रेपिड टेस्ट शुरू किया है| रेपिड टेस्ट मुफ्त होने के बावजूद लोगों से रु. 450 वसूले जा रहे हैं और बाकायदा इसकी रशीद भी दी जा रही है| सवाल यह है कि जब रेपिड टेस्ट फ्री है तो उसके लिए फीस क्यों ली जा रही है? अहमदाबाद के बाद सूरत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है| इस पर काबू पाने के लिए सूरत महानगर पालिका के धन्वतरी रथ शुरू कर रेपिड टेस्ट किए जा रहे हैं| लेकिन टेस्ट के लिए प्रति व्यक्ति से रु. 450 की वसूली की जा रही है| मुफ्त टेस्ट होने के बावजूद महानगर पालिका के कर्मचारी लोगों से 450 की वसूली कर इसकी रशीद भी दे रहे हैं| सूरत के वराछा क्षेत्र में रेपिड टेस्ट के दौरान लोगों से रु. 450 वसूले गए, जिसे लेकर लोग महानगर पालिका अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग कर रहे हैं| बड़ा सवाल यह है कि महानगर पालिका के वरिष्ठ अधिकारियों को क्या इसकी जानकारी नहीं है? मुफ्ट टेस्ट होने के बावजूद रुपए वसूली क्यों? यदि मनपाकर्मी ही रेपिड टेस्ट की फीस वसूलेंगे तो लोग खासकर गरीब व्यक्ति कहां जाएगा? क्या ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ महानगर पालिका कार्यवाही करेगी?

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