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जेईई की परीक्षा में पहले दिन 50 फीसदी ने दी परीक्षा, कोरोना का खौफ सरकारी बसों में नहीं बैठें एक भी छात्र

जेईई की परीक्षा में पहले दिन 50 फीसदी ने दी परीक्षा, कोरोना का खौफ सरकारी बसों में नहीं बैठें एक भी छात्र

रायपुर (एजेंसी)। तमाम तरह की अटकलों, विरोध और कोरोना संकट के बीच आखिरकार मंगलवार से जेईई परीक्षा शुरु हो गई। कोरोना संक्रमण का सीधा असर परीक्षार्थियों की संख्या सहित दूसरी चीजों पर दिखा। परीक्षा में छात्रों की उपस्थिति कम रही, कोरोना संक्रमण का भय छात्रों और पालकों में इस तरह दिखा कि छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने सरकार द्वारा विभिन्न पाइंट पर लगाई गईं बसें खाली रहीं।

एक भी छात्र बस पाइंट पर नहीं पहुंचा। तड़के पांच बजे से लेकर परीक्षा शुरु होने के कुछ देर पहले तक ड्राइवर और कंडक्टर छात्रों के आने का इंतजार करते रहे। ना केवल सुबह पांच बजे की बस, बल्कि दूसरी पाली के लिए 11 बजे लगाई गईं बसें भी खाली ही रहीं।
छत्तीसगढ़ में 13,500 छात्रों ने जेईई के लिए आवेदन किया है। इसके लिए प्रदेश में पांच सेंटर बनाए गए हैं। कुल छात्रों में से 5,147 छात्रों के लिए राजधानी में सेंटर बनाया गया है, जो 1 से 6 सितंबर तक विभिन्न पालियों में परीक्षाएं देंगे।

मंगलवार को पहली पाली के लिए 350 छात्र पंजीकृत थे। इनमें से सिर्फ 196 छात्र ही परीक्षा दिलाने पहुंचे। दूसरी पाली के लिए 400 छात्र पंजीकृत थे, इसमें भी लगभग आधे छात्र ही पहुंचे। उतरवाए गए मास्क जेईई सेंटर में इस बार कई चीजें बदली हुईं नजर आईं। छात्र जो मास्क पहनकर आए हुए थे, उन्हें उतारने के लिए कहा गया। इसके स्थान पर छात्रों को सेंटर में ही मास्क दिए गए। छात्रों को ये मास्क पहनकर ही परीक्षा दिलानी पड़ी।

पहली बार छात्रों को पानी की बोतल लेकर जाने दिया गया। संक्रमण ना हो इसलिए छात्रों को केंद्र में पानी वितरित नहीं किया गया। छात्रों को अपने साथ सेनेटारइजर की बोतल भी लेकर आने कहा गया था। परीक्षा देकर निकले छात्रों ने बताया कि पहले दिन के पर्चा सामान्य रहे। कठिनाई का स्तर औसत था। छत्तीसगढ़ में 15 हजार 533 लोग संक्रमित, मौतें 287 पहले की तरह सख्ती नहीं छात्रों की तलाशी बिना उन्हें छूए मेटल डिटेक्टर की मदद से ली गई। छात्रों का तापमान भी जांचा गया।

पिछले वर्षों में छात्रों को लंबे आस्तीन के कपड़े, जूते-मोजे, किसी तरह के आभूषण अथवा अन्य चीजें धारण करने पर कड़ाई का सामना करना पड़ता था। इस वर्ष संक्रमण को देखते हुए छात्रों संग अधिक सख्ती नहीं की गई। परीक्षा देकर जब छात्र निकले तो उन्हें सेंटर पर खड़े होकर बात करने की इजाजत भी नहीं दी गई। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्हें एक-एक कर केंद्र से बाहर निकाला गया। प्रदेश में`गए हैं। रायपुर में सरोना स्थित डिजिटल जोन पार्थिवी प्रोविन्स कमर्शियल में इसका आयोजन हुआ।

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