नई दिल्ली (एजेंसी)। कोरोनावायरस संक्रमण के नित नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। मंगलवार को देश में एक लाख से अधिक नए कोरोना संक्रमित मिले थे, बुधवार को भी संख्या इसी के आसपास रही। रात 10 बजे तक ही 86,087 नए कोरोनावायरस संक्रमित मरीज देश में मिल चुके थे। इसमें उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, झारखंड, हिमाचल प्रदेश जैसे अनेक राज्यों की संख्या शामिल नहीं थी, क्योंकि उनके आंकड़े देर रात अपडेट होते हैं।
इस प्रकार यह अनुमान है कि बुधवार को भी 90 हजार से अधिक नए संक्रमित मरीज मिल सकते हैं।संक्रमण के मामले में दुनिया में नित नए कीर्तिमान बना रहे भारत में इस समय 44 लाख 33 हजार 392 लोग संक्रमित हो चुके हैं। जिनमें से 34,49,308 ठीक हो चुके हैं किंतु 74,610 लोगों की मौत हो चुकी है। बीते एक दशक में वायरस संक्रमण से 6 माह के भीतर होने वाली यह सबसे ज्यादा मौतें हैं। इस पायदान पर कोरोनावायरस स्वाइन फ्लू और सार्स जैसी बीमारियों से ज्यादा खतरनाक साबित हुआ है।
भारत में महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य कोरोना के केंद्र बने हुए हैं। बुधवार को महाराष्ट्र में 20,131 नए संक्रमित मिलने के साथ एक्टिव मामलों की संख्या 2।43 लाख से ऊपर पहुंच गई। संक्रमण के मामले भी 10 लाख के करीब पहुंचने वाले हैं। महाराष्ट्र में 27,407 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो चुकी है। आंध्रप्रदेश, तमिलनाड, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश और दिल्ली जैसे राज्य में भी कोरोना का संक्रमण भयानक स्थिति में है।
बुधवार को आंध्र प्रदेश में 10418, तमिलनाडु में 5584, कर्नाटक में 9540, उत्तरप्रदेश में 6558, दिल्ली में 4039 और पश्चिम बंगाल में 3107 नए संक्रमित मिले। चिंताजनक स्थिति ओडिशा और केरल की भी है जहां क्रमशः 3748 और 3402 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। इन छोटे – बड़े राज्यों के अलावा देश के अनेक राज्य ऐसे हैं जहां प्रतिदिन 2000 से अधिक कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं। संक्रमण की यह रफ्तार देश की स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चुनौती बनकर सामने आई है।
देश का स्वास्थ्य मंत्रालय लोगों को आश्वस्त कर रहा है कि चिंता का विषय नहीं है। हालांकि जो प्रतिदिन होने वाली मौत का आंकड़ा है वह अब आने वाले कठिन दिनों की तरफ संकेत करने लगा है। कोरोना वैक्सीन को लेकर भी एक उम्मीद बन रही थी लेकिन ब्रिटेन से खबर आई है कि ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित कोरोना वैक्सीन का साइड इफेक्ट देखा जा रहा है।
जिसके चलते उसका ट्रायल रोक दिया गया है। भारत में भी सीरम इंस्टीट्यूट को नोटिस मिल चुका है। इसे देखकर यह कहा जा सकता है कि आगामी एक दो साल तक कोरोना का वैक्सीन आम जनता को उपलब्ध नहीं होगा। इस दौरान देश के हर व्यक्ति को कोरोना के खतरे के साथ जीना सीखना होगा।