नई दिल्ली (एजेंसी) । किसान आंदोलन को दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर 19 दिन हो चुके हैं, लेकिन सही मायनों में किसानों का आंदोलन 22 सितंबर से लगातार जारी है। इससे पहले किसान पंजाब में प्रदर्शन कर रहे थे। किसान आंदोलन का बड़ा असर भारतीय रेलवे पर भी पड़ा है।
रेलवे ने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से अब तक 20 लाख मुसाफिरों की ट्रेन छूट चुकी है। किसान आंदोलन की वजह से रेलवे को दो हज़ार करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। आंदोलन के चलते एक हज़ार से ज्यादा ट्रेनों को पूरी तरह से कैंसिल करना पड़ा है, तो करीब 200 ट्रेनों को रूट बदलकर चलाना पड़ा है।
पहले पंजाब और अब दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर किसान आंदोलन ने लाखों लोगों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। 22 सितंबर से ही कृषि बिल को खत्म करने की मांग को लेकर किसान पंजाब में ट्रेन नहीं चलने दे रहे हैं। इसकी वजह से अब तक 1370 ट्रेनें पूरी तरह से रद्द करनी पड़ी हैं। 200 ट्रेनों को रूट बदलकर चलाना पड़ा है।
क़रीब 600 ट्रेनों को मंज़िल से पहले रोकना और फिर वहीं से वापस करना पड़ा है। कुल मिलाकर किसान आंदोलन का असर 2800 से ज़्यादा ट्रेनों पर पड़ा है। अनुमान के मुताबिक इससे 20 लाख मुसाफिर ट्रेनों में सफर नहीं कर पाए हैं।उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल के मुताबिक किसान आंदोलन के चलते रेलवे को 2000 करोड़ का नुकसान हुआ है।
किसानों के धरने से कोयला, पेट्रोलियम और सीमेंट जैसी ज़रूरी चीज़ों की सप्लाई पर भारी असर पड़ा है। पंजाब की तरफ से आने वाले खाद्यान्न को देश के बाहरी इलाकों तक ले जाने में भी परेशानी आई है। जबकि मुसाफिरों की बात करें तो ट्रेनों के बंद रहने से रोज़ी-रोज़गार, पढ़ाई-लिखाई, पर्व-त्योहार, हॉस्पिटल-डॉक्टर से लेकर रोज़मर्रा की ज़िदगी पर बुरा असर पड़ा है।