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सुरत SMC – प्रादेशिक कमिश्नर नगरपालिकाओ वर्ग एक अपील अधिकारी के कार्यालय में एरकंडीशन गैरकानूनी -RTI में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोला…..?

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(आई.टी.आई.)गुजरात सरकार महानगर पलिका और नगरपालिकाओं में हो रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने के साथ समृद्ध पारदर्शिता विकास हेतु गुजरात के सभी महानगर & नगरपालिकाओ को अलग-अलग जोन में बांट कर कार्यालय के नाम से संबोधित किया है। जिसमें दक्षिण गुजरात में सुरत प्रादेशिक कमिशनर नगरपालिकाओं बनने के बाद से अधिक प्रदूषित हो चुका है। उसका मुख्य कारण यहां के अधिकारी गण ही है। यहां ज्यादातर अधिकारी अभी तक सिर्फ यहां   तालीम के लिए भेजे गए हैं ऐसा अभी तक यही पाया गया है। कि दक्षिण गुजरात में प्रशासनिक अधिकारी विकास समृद्धि पारदर्शिता के नाम पर अभी स्वयं ही तालीम बद्ध नहीं होते। अभी तक जमीनी स्तर में काम करने वाले कम से कम अधिकारी यहां पाये गये। और ज्यादातर अधिकारी गण उद्योगपतियों के मायाजाल में ऐसा फंस जाते हैं कि जिस काम के लिए उन्हें सरकार सुविधाएं और वेतन दे रही होती है उसे अपना पुस्तैनी हक समझने लगते है। और यहीं से कहानी शुरू होती है।

सूरत प्रादेशिक कमिश्नर नगरपालिकाओ कार्यालय के हद विस्तार में आज सभी जिलों की नगरपालिकाए आज सुधरने की बजाय भ्रष्टाचार के आखिरी पायदान पर पहुंच चुकी है। और जब किसी का डर ही नहीं हो और मायाजाल का रास्ता साफ हो फिर आज कौन नहीं बहती गंगा में डुबकी लगाने का प्रयास करेगा।

सुरत महानगर पालिका – प्रादेशिक कमिश्नर नगरपालिकाओ वर्ग १ अपील अधिकारी के कार्यालय में एरकंडीशन गैरकानूनी -RTI

सरकारी तिजोरी से सीधे हो रही डकैती -RTI

आज यही वर्षों से हो रहा है। हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि आज यहां कुछ अधिकारी अपना सिक्का चलाने की सोच रहे हैं। इतना भयावह स्थिति  सरकार के अधिकारियों द्वारा इसके पहले कभी नहीं पाई गई। अधिकारियों ने मिलकर जो पहले कभी चोरी से डरते थे आज सीधे सरकार के सभी नियमों को दरकिनार कर सिर्फ और सिर्फ अपना विकास समृद्धि बढ़ाने पर विश्वास करने लग चुके हैं। हालत बद से बदतर हो चुकी है। और दिलचस्प बात यह है कि यदि किसी भी प्रकार से यदि कोई सच बोलने की हिम्मत भी जुटाई उसे सभी प्रकार से शाम दाम दंड भेद से परेशान किया जाता है। ऐसी ही एक कहानी    शहेरी विकास विभाग से आज शुरुआत हो चुकी है। जांच पड़ताल के नाम पर जांच करने वाले गैरकानूनी एरकंडीशन में बैठकर एक दूसरे को जांच करने का सिर्फ और सिर्फ हुक्म करते नजर आ रहे हैं। मुख्य मंत्री से लेकर गुजरात सतर्कता आयोग तक यहां फरियाद की गई और सभी एक साल से अपने निचले स्तर पर फरियाद भेजकर शांत हो जाते हैं। और यहां जवाबदेही किसी की होगी यह समझना मुश्किल हो चुका है।

 सुरत महानगर पलिका और शहेरी विकास विभाग (सुडा) में आज लगभग  दर्जनों इंजीनियर है फिर भी एक भी बिल्डिंग जमीन पर कायदे-कानून के मुताबिक नहीं बन पाई। आज यहां सुरत महानगर पलिका और सुरत जिल्ले  के बिल्डिंग निर्माताओं को अधिकारियों के द्वारा जमकर यज्ञ हवन आरती पूजा अर्चना करवाई जा रही है। जब कि पहली ईंट रखने से लेकर चूना लगाने तक यहां अधिकारी गण रोज दर्शन करवाते हैं। अभी तक सूचना अधिकार में मिली सूचना के अनुसार ईमानदार अधिकारियों और कायदे-कानून के मुताबिक एक भी बिल्डिंग नियम मुजब नहीं है। आज तक यहां के तथाकथित एक दर्जन से अधिक संबंधित अधिकारियों ने किया क्या ? पहले ए खुद अवैध निर्माण करने के लिए आरती पूजा अर्चना करवाई। अब जब करोड़ों की बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई। अब सभी अवैध हैं। अपने फायदे के लिए टेक्स लेना कायदे-कानून के मुताबिक सही मानकर यह कहें कि टेक्स के बावजूद भी इसे गैरकानूनी माना जाएगा। सवाल यह उठता है कि यह अभी तक बनी कैसे .?

आज कायदे-कानून के जाल में एक बार पहले की भांति फिर संबंधित अधिकारी फंस चुके हैं। एक बार फिर गुजरात विजिलेंस कमिश्नरश्री टीम सुरत महानगर पालिका और शहेरी विकास विभाग  (सूडा) में दस्तक हेतु तैयार है । परन्तु इस बार अधिकारी गण अपने बचाव हेतु सारे हथकंडे अपना कर भ्रष्टाचार की दलदल में फंस चुके हैं। जानकारों की मानें तो यदि कायदे-कानून के मुताबिक जांच की जाये और आधुनिक तकनीक को अपनाया जाये फिर औरों की भांति सरकारी अन्य सेवाएं बहुत जल्द ही मिलने के आसार नजर आ रहे हैं। फिलहाल सभी की निगाहें इस पर लगी हुई है। और इसी विभाग से एक वरिष्ठ अधिकारी को यहां सर्वश्रेष्ठ पद पर सरकार तैनात किया है। इस प्रकार से हो चुके भ्रष्टाचार को अब न्याय मिलेगा अथवा अन्य….?

यह फिलहाल समय चक्र में गतिमान है।

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