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RTI के साथ IPC का उपयोग कर जानकारी प्राप्त करें और कार्यवाही कराए.

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RTI ACT

प्रथम अपील करने पर प्रथम अपील तक का स्तर और प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा की गई असद्भावना पूर्ण की गई कार्यवाहियाँ और आईपीसी की धाराओं के तहत दंड का प्रावधान :-

(1) जन सूचना अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं देना या गलत सूचना देना । (आरटीआई की धारा 7(2) के तहत अपराध है ।)

(2) जन सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई की धारा 7(8) का उल्लंघन करना (आरटीआई की धारा 7(8) के तहत प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम और पूर्ण पता देना अनिवार्य है।) आईपीसी 1860 की धारा 166(ए) और 167 के तहत अपराध है ।

(3) लोक जन सूचना अधिकारी द्वारा झूठी जानकारी देना जिसका प्रमाण आवेदक के पास मौजूद हो । (आईपीसी 1860 की धारा 166(ए), 167, 420, 468 और 471 के तहत अपराध है ।)

(4) प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जाना । (आईपीसी 1860 की धारा 166(ए) और 188 के तहत अपराध है ।)

(5) प्रथम अपीलीय अधिकारी के समक्ष लोक जन सूचना अधिकारी द्वारा सुनवाई के बाद सम्यक सूचना के भी गैर हाजिर रहना ।(आईपीसी 1860 की धारा 175,176, 188 और 420 के तहत अपराध है ।)

(6) प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा निर्णय करने के बाद भी जन सूचना अधिकारी द्वारा सूचनाएँ नहीं देना । (आईपीसी 1860 की धारा 188 और 420 के तहत अपराध है ।)

(7) लोक जन सूचना अधिकारी या प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा आवेदक को धमकाना (आईपीसी 1860 की धारा 506 के तहत अपराध है ।)

(8) लोक जन सूचना अधिकारी द्वारा आवेदक से शुल्क लेकर सूचना नहीं देना । (आईपीसी 1860 की धारा 406 और 420 के तहत अपराध है ।)

(9) जन सूचना अधिकारी या प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा लिखित में ऐसे कथन करना जिसका झूठा होना ज्ञात हो और इससे आवेदक को सदोष हानि हो (आईपीसी 1860 की धारा 193, 420, 468 और 471 के तहत अपराध है ।)

     उपरोक्त आधार पर आईपीसी 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत जन सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी पर एफआईआर दर्ज हो सकती है ।

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