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कोर्ट : पत्नी और साली के ऊपर तेजाब फेंकने के आरोपी को दस साल की सजा

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 17 Sep 2021 10:41 PM IST

सार

आरोप है कि दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित करता था। इसलिए लड़की मायके में ही रहती थी। वहीं पर घात लगाए बैठे आरोपी ने तेजाब से हमला किया।

कोर्ट

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– फोटो : फाइल फोटो

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विस्तार

पत्नी और साली पर तेजाब फेंकने के जुर्म में जिला अदालत ने जमालुद्दीन उर्फ राजू को 10 साल की कैद व दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से एडीजीसी सुशील कुमार वैश्य ने सात गवाह पेश किए। दोष सिद्ध होने पर अपर जिला जज डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ल ने शुक्रवार को सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि आरोपित से जुर्माने की रकम वसूल कर 50-50 हजार रुपये दोनों पीड़िता को प्रतिकर के रूप में भी दिया जाए।

पीड़िता की मां ने 19 मई 2014 में थाना मऊआइमा में मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी दो पुत्रियां इंटर कॉलेज में उर्दू की परीक्षा देने जा रही थीं। बड़ी लड़की की शादी आरोपित के साथ 10 वर्ष पूर्व में हुई थी। दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित करता था इसलिए बेटी मायके में ही रहती थी। तलाक का मुकदमा भी दायर किया था। पहले से घात लगाए बैठे आरोपित ने पीड़िता व उसकी बहन पर तेजाब फेंक दिया था। इसके कारण उनका चेहरा झुलस गया आंखों की रोशनी गायब हो गई।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को सुरक्षा नहीं, डीआईजी से शिकायत

नवाबगंज के एक गांव की सामूहिक दुष्कर्म की पीड़िता और उसके परिवार को सुप्रीम कोर्ट से सुरक्षा के आदेश दिए गए हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस ने अभी तक सुरक्षा नहीं उपलब्ध कराई है। पीड़िता के पिता ने डीआईजी को दिए प्रार्थनापत्र में बताया है कि इस मामले में मुख्य आरोपी लालगोपालगंज के पूर्व चेयरमैन मुख्तार अहमद समेत पांचों आरोपी जेल से मुकदमा वापस लेने के लिए धमकी दिलवा रहे हैं। पूर्व चेयरमैन ने पैसों के बल पर जेल से ही सेटिंग कर पीड़िता के पिता पर कई मुकदमे दर्ज करवा दिए ताकि वह मुकदमा वापस ले ले। बार बार फर्जी मुकदमों से तंग आकर पिता पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट गए। जहां से पीड़िता और परिवार वालों को सुरक्षा देने का आदेश दिया गया। आदेश को साल भर से ज्यादा समय बीत गया लेकिन सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई। पीड़िता के पिता ने डीआईजी को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश की कापी और प्रार्थनापत्र देकर सुरक्षा देने की गुहार लगाई है। 

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