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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 23 Sep 2021 10:40 AM IST
सार
अखाड़ा परिषद अध्यक्ष नरेंद्र गिरि को भू समाधि देने आए साधु-संतों ने सुसाइड नोट को बताया संदिग्ध। बोले- नरेंद्र गिरि बहुत साहसी थे, वह हर संकट से सामना करने में थे सक्षम।
![पूर्व सांसद वेदांती ने बलवीर गिरि पर ही जताया संदेह, बोले- उत्तराधिकारी बनने के लिए हो सकती है साजिश प्रयागराज : पूर्व सांसद राम विलास वेदांती और महंत नरेंद्र गिरि।](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2021/09/23/750x506/l_1632373804.jpeg)
प्रयागराज : पूर्व सांसद राम विलास वेदांती और महंत नरेंद्र गिरि।
– फोटो : प्रयागराज
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विस्तार
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के पार्थिव शरीर को समाधि देने के बाद देश भर से आए कई शीर्ष संतों ने सुसाइड नोट को खारिज कर दिया। महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोटमें बलवीर गिरि को बाघंबरी गद्दी मठ का उत्तराधिकारी सौंपने की बात कही गई है। लेकिन बुधवार को इस पर सवाल खड़े होने लगे।
रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष रहे भाजपा के पूर्व सांसद महंत राम विलास वेदांती ने तो सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी बताए गए उप महंत बलवीर गिरि पर महंत नरेंद्र गिरि की मौत का आरोप लगाया, बल्कि उनकी भूमिका की जांच के लिए सरकार से भी आग्रह किया।
दो दिन पहले मठ में फंदे से लटकते मिले महंत नरेंद्र गिरि के अंतिम दर्शन के लिए प्रयागराज पहुंचे पूर्व सांसद महंत राम विलास वेदांती ने सुसाइड नोट के आधार पर उत्तराधिकारी बताए जा रहे बलवीर गिरि पर बड़ा आरोप लगाया। भाजपा के पूर्व सांसद ने कहा कि जिस व्यक्ति का नाम सुसाइड नोट में उत्तराधिकारी के तौर पर है इस घटना के पीछे उसी की साजिश हो सकती है।
स्वयं महंत बनने के लिए दूसरे को फंसाने का षड़यंत्र रचा गया। यह सब बाघंबरी गद्दी मठ पर कब्जे के लिए किया गया है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए। उधर, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजनी ज्योति ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि इतने साहसी और मजबूत संत थे कि वे इस तरह का कदम नहीं उठा सकते थे। इस घटना के पीछे कुछ गड़बड़ है। वह काफी मजबूत दिल के थे।
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