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प्रयागराज : नैनी जेल के हाई सिक्योरिटी सेल में रात भर जागता ही रहा आनंद गिरी, चेहरे पर दिखीं चिंता की लकीरें

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सार

आनंद गिरि और आद्या तिवारी को अलग-अलग बैरक में रखा गया है, सीसीटीवी के द्वारा दोनों पर नजर रखी जा रही है। 

Prayagraj : कोर्ट द्वारा रिमांड मंजूर किए जाने के बाद योग गुरु आनंद गिरि को जेल ले जाती पुलिस।
– फोटो : प्रयागराज

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अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया आनंद गिरि नैनी केंद्रीय कारागार में बुधवार की पूरी रात जागता ही रहा। कभी बैरक के अंदर इधर-उधर घूमता तो कभी बैठ जाता था। चिंता की लकीरें उसके चेहरे पर साफ झलक रही थीं। वह एक मिनट भी वह सोया नहीं। आनंद गिरि को आम कैदियों से दूर कड़ी सुरक्षा वाले बैरक में रखा गया है। उसकी हर हरकत की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की जा रही है। 

आनंद गिरि ने रात में कुछ खाना भी नहीं खाया। उसको भोजन में अरहर की दाल, आलू, तोरई की सब्जी और रोटी दी गई थी। जिसे उसने खाने से मना कर दिया। उसने बाहर से भी कोई खाने-पीने की चीज मंगाने की डिमांड नहीं की। बृहस्पतिवार की सुबह उसे पावरोटी, चाय और गुड़ दिया गया, जिसे उसने नहीं खाया। बैरक में वह काफी विचलित दिखा और चिंता उसके चेहरे में साफ झलक रही थी।

बैरक में नहीं लगा है कूलर, एसी
हमेशा से विलासितापूर्ण जीवन जीते आ रहे योग गुरु आनंद गिरि के लिए जेल की हाईसिक्योरिटी बैरक काल कोठरी साबित हो रही है। इसमें न तो एसी लगा है न ही कूलर लगाया गया है। यहां तक की टेलीविजन भी नहीं है। इसके कारण वह समाचारों से भी वंचित है। सुबह उसने पढ़ने के लिए समाचार पत्र मांगा, तो जेल प्रशासन ने उसे अखबार पढ़ने के लिए दिया।

बुधवार को न्यायालय के द्वारा 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के बाद उसे 4.43 बजे जेल के अंदर दाखिल करा दिया गया था। वारंट न आने के कारण वह काफी देर तक जेल के मेन गेट के अंदर चबूतरे पर बैठा रहा शाम करीब 5 बजकर 55 मिनट पर वारंट आया। इसके बाद उसकी बैरक में एंट्री हुई। बृहस्पतिवार की सुबह आनंद गिरि और आद्या प्रसाद तिवारी का मेडिकल परीक्षण कराया गया। 

कोई मिलने नहीं पहुंचा
योग गुरु आनंद गिरि से दूसरे दिन भी कोई मिलने के लिए नहीं पहुंचा। दोपहर तक किसी ने भी उससे मिलने के लिए जेल प्रशासन से संपर्क नहीं किया था। यहां तक कि दोपहर तक उसके वकील भी उससे मिलने नहीं पहुंचे थे। दूसरे आरोपी आद्या प्रसाद तिवारी को आनंद गिरी से अलग दूसरे बैरक में रखा गया है। वह काफी दुखी और निराश दिख रहा है। बुधवार को तो वह बंदी रक्षकों से बातचीत करते हुए फफक पड़ा था। 

अधिवक्ता ने लगाई सुरक्षा की गुहार
आनंद गिरि के अधिवक्ता विजय कुमार द्विवेदी और वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को सीजेएम कोर्ट में आनंद गिरि मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी और कहा था कि आनंद गिरि पर जेल में हमला हो सकता है, इसलिए उसकी सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान दिया जाए, उसे अन्य बंदियों से अलग रखने की व्यवस्था की जानी चाहिए। गुरुवार को अधिवक्ताओं ने एक न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आनंद गिरि की सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने की मांग की। 

विस्तार

अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया आनंद गिरि नैनी केंद्रीय कारागार में बुधवार की पूरी रात जागता ही रहा। कभी बैरक के अंदर इधर-उधर घूमता तो कभी बैठ जाता था। चिंता की लकीरें उसके चेहरे पर साफ झलक रही थीं। वह एक मिनट भी वह सोया नहीं। आनंद गिरि को आम कैदियों से दूर कड़ी सुरक्षा वाले बैरक में रखा गया है। उसकी हर हरकत की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की जा रही है। 

आनंद गिरि ने रात में कुछ खाना भी नहीं खाया। उसको भोजन में अरहर की दाल, आलू, तोरई की सब्जी और रोटी दी गई थी। जिसे उसने खाने से मना कर दिया। उसने बाहर से भी कोई खाने-पीने की चीज मंगाने की डिमांड नहीं की। बृहस्पतिवार की सुबह उसे पावरोटी, चाय और गुड़ दिया गया, जिसे उसने नहीं खाया। बैरक में वह काफी विचलित दिखा और चिंता उसके चेहरे में साफ झलक रही थी।

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