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प्रदेश सरकार का तोहफा: चार साल बाद गन्ना मूल्य में हुई 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि, किसान बोले-ये नाकाफी

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ
Published by: Dimple Sirohi
Updated Sun, 26 Sep 2021 04:49 PM IST

सार

भाकियू के साथ ही अन्य किसान संगठनों ने गन्ने के बढ़ाए गए रेट को नाकाफी बताते हुए किसानों के साथ धोखा बताया है। बता दें कि हाल ही में भाकियू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 425 रुपये क्विंटल गन्ना मूल्य करने की मांग की थी। मांग पूरी नहीं करने पर किसान आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी थी।

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किसान आंदोलन और अगले से विधानसभा चुनाव को देखते हुए योगी सरकार ने चार साल बाद गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। अब सामान्य प्रजाति का 340 और अगेती प्रजाति का 350 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित किया गया है।

लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों का शोषण नहीं होने देंगे। गन्ने का समर्थन मूल्य 325 से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है। गन्ने का समर्थन मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।  

इससे पहले योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल 2017-18 में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी। इस तरह योगी सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में 35 रुपये क्विंटल की वृद्धि की है। जबकि इससे पहले सपा की अखिलेश सरकार ने 65 रुपये और बसपा की मायावती सरकार ने सर्वाधिक 115-120 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी।

यह भी पढ़ें: एलान: योगी सरकार का बड़ा फैसला, गन्ने का समर्थन मूल्य 25 रुपये बढ़ाकर 350 रुपये प्रति क्विंटल किया

हाल ही में  भारतीय किसान यूनियन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 425 रुपये क्विंटल गन्ना मूल्य करने की मांग की थी। मांग पूरी नहीं करने पर किसान आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी थी। वहीं भाकियू के साथ ही अन्य किसान संगठनों ने इस रेट को नाकाफी बताते हुए किसानों के साथ धोखा बताया है।

भाजपा के नेताओं ने भी महंगाई को देखते हुए गन्ना रेट 400 रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की थी। बता दें पिछले चार साल में गन्ना उत्पादन लागत में भारी वृद्धि हुई है। इस हिसाब से किसानों को गन्ना रेट 400 से 425 रुपये प्रति क्विंटल होने की उम्मीद थी। 

पंजाब और हरियाणा से कम रहा रेट
योगी सरकार ने पंजाब और हरियाणा से कम रेट घोषित किया है। पंजाब में 360 और हरियाणा में 362 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। जबकि इन दोनों राज्यो से यूपी में गन्ना उत्पादन लागत ज्यादा आ रही है।

न अपना वादा पूरा किया न किसान की लागत दी
भाजपा ने अपने घोषणापत्र में 370 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य देने का वादा किया था। इसके नेता विपक्ष में रहते हुए 450 रुपये क्विंटल की मांग करते थे। किसान की गन्ना उत्पादन लागत ही 350 रुपये प्रति क्विंटल आ रही है। इस हिसाब से योगी सरकार ने न तो अपना वादा पूरा किया और न ही किसानों को उनकी लागत दी। समर्थन मूल्य किसानों के साथ धोखा है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। -डॉ सुधीर पंवार, किसान नेता और पूर्व सदस्य किसान आयोग।

विस्तार

किसान आंदोलन और अगले से विधानसभा चुनाव को देखते हुए योगी सरकार ने चार साल बाद गन्ना मूल्य में 25 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। अब सामान्य प्रजाति का 340 और अगेती प्रजाति का 350 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य घोषित किया गया है।

लखनऊ में आयोजित किसान सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों का शोषण नहीं होने देंगे। गन्ने का समर्थन मूल्य 325 से बढ़ाकर 350 रुपये कर दिया गया है। गन्ने का समर्थन मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।  

इससे पहले योगी सरकार ने अपने कार्यकाल के पहले साल 2017-18 में 10 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी। इस तरह योगी सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में 35 रुपये क्विंटल की वृद्धि की है। जबकि इससे पहले सपा की अखिलेश सरकार ने 65 रुपये और बसपा की मायावती सरकार ने सर्वाधिक 115-120 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की थी।

यह भी पढ़ें: एलान: योगी सरकार का बड़ा फैसला, गन्ने का समर्थन मूल्य 25 रुपये बढ़ाकर 350 रुपये प्रति क्विंटल किया

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