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महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या का मामला : पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अभियोजन अभिलेख लेने के लिए अदालत में अर्जी

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नरेंद्र गिरि (फाइल फोटो)
– फोटो : एएनआई

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बाघंमबरी मठ के महंत एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरी ने कोर्ट से महंत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मुकदमे से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की है। उनके अधिवक्ता की ओर से शुक्रवार को सीजेएम हरेंद्रनाथ की कोर्ट में एक अर्जी दी गई।  अर्जी का विरोध अभियोजन अधिकारी अतुल्य द्विवेदी व प्रदीप कुमार ने  किया। उन्होंने को बताया कि इस स्तर पर संबंधित प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है, जबकि आनंद गिरि की ओर से कोई भी अधिवक्ता सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुआ। 

गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी उनके बेटे संदीप को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था। कोर्ट ने आरोपितों को 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में  केंद्रीय कारागार नैनी जेल भेजने का आदेश दिया था। मामले की जांच सीबीआई को मिलने के बाद सीबीआई ने न्यायालय से 10 दिनों की रिमांड मांगी गई थी, जिसे कोर्ट ने सात दिनों के लिए  मंजूर किया था।  इस समय तीनों आरोपित सीबीआई के रिमांड पर है जो चार तारीख को शाम पांच बजे खत्म होगी। 

तीन  डॉक्टरों के विरुद्ध कोर्ट ने जारी किया वारंट
 प्रयागराज। इलाज में लापरवाही के कारण हुई विवाहिता के मृत्यु के मामले में अदालत ने तीन डॉक्टरों के विरुद्ध वारंट जारी  करने का आदेश जारी किया है।  स्पेशल सीजेएम ने राज्य बनाम डॉ विजय केशरवानी आदि के मुकदमे में पीड़ित शैलेश कुमार के अधिवक्ता के तर्कों को सुनकर आरोपित डॉक्टरों के विरुद्ध वारंट जारी करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि आरोपित गैर हाजिर है, इसलिए इनके विरुद्ध वारंट जारी किया जाए। 

कर्नलगंज  थाने में शैलेश कुमार ने पांच मई 2019 को मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी पत्नी की इलाज में लापरवाही के कारण  मृत्यु हो गई।  पुलिस ने विवेचना के पश्चात डॉ विजय केसरवानी, रिचा कक्कड.एवं शिवम वार्ष्णेय के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया है।

बाघंमबरी मठ के महंत एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपित आनंद गिरी ने कोर्ट से महंत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट व मुकदमे से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग की है। उनके अधिवक्ता की ओर से शुक्रवार को सीजेएम हरेंद्रनाथ की कोर्ट में एक अर्जी दी गई।  अर्जी का विरोध अभियोजन अधिकारी अतुल्य द्विवेदी व प्रदीप कुमार ने  किया। उन्होंने को बताया कि इस स्तर पर संबंधित प्रार्थना पत्र पोषणीय नहीं है, जबकि आनंद गिरि की ओर से कोई भी अधिवक्ता सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं हुआ। 

गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में पुलिस ने आनंद गिरी, आद्या प्रसाद तिवारी उनके बेटे संदीप को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया था। कोर्ट ने आरोपितों को 14 दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में  केंद्रीय कारागार नैनी जेल भेजने का आदेश दिया था। मामले की जांच सीबीआई को मिलने के बाद सीबीआई ने न्यायालय से 10 दिनों की रिमांड मांगी गई थी, जिसे कोर्ट ने सात दिनों के लिए  मंजूर किया था।  इस समय तीनों आरोपित सीबीआई के रिमांड पर है जो चार तारीख को शाम पांच बजे खत्म होगी। 

तीन  डॉक्टरों के विरुद्ध कोर्ट ने जारी किया वारंट

 प्रयागराज। इलाज में लापरवाही के कारण हुई विवाहिता के मृत्यु के मामले में अदालत ने तीन डॉक्टरों के विरुद्ध वारंट जारी  करने का आदेश जारी किया है।  स्पेशल सीजेएम ने राज्य बनाम डॉ विजय केशरवानी आदि के मुकदमे में पीड़ित शैलेश कुमार के अधिवक्ता के तर्कों को सुनकर आरोपित डॉक्टरों के विरुद्ध वारंट जारी करने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि आरोपित गैर हाजिर है, इसलिए इनके विरुद्ध वारंट जारी किया जाए। 

कर्नलगंज  थाने में शैलेश कुमार ने पांच मई 2019 को मुकदमा दर्ज कराया था कि उसकी पत्नी की इलाज में लापरवाही के कारण  मृत्यु हो गई।  पुलिस ने विवेचना के पश्चात डॉ विजय केसरवानी, रिचा कक्कड.एवं शिवम वार्ष्णेय के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया है।

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