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पंचांग के अनुसार, सूर्योदय और सूर्यास्त 6 अक्टूबर को क्रमशः सुबह 06:17 बजे और शाम 06:01 बजे होने की भविष्यवाणी की गई है।
आज का पंचांग, ६ अक्टूबर, २०२१: कहा जाता है कि सर्व पितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करने से परिवार की सभी मृत आत्माएं प्रसन्न होती हैं, भले ही पूर्वजों की पुण्यतिथि ज्ञात न हो या भुला दी गई हो।
6 अक्टूबर को पितृपक्ष का अंतिम दिन होगा जो अश्विन महीने के कृष्ण पक्ष में अमावस्या तिथि है। इसे सर्व पितृ अमावस्या के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन कोई भी अपने मृतक परिवार के सदस्य के लिए श्राद्ध कर सकता है। ऐसा कहा जाता है कि सर्व पितृ अमावस्या पर श्राद्ध करने से परिवार में सभी मृत आत्माओं को प्रसन्न किया जाता है, भले ही पूर्वजों की पुण्यतिथि ज्ञात न हो या भुला दी गई हो। इसलिए इसे सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही, जो लोग अपने मृत परिवार के सदस्यों के लिए पहले शारदा नहीं कर सकते थे, वे इस दिन भी ऐसा कर सकते हैं। जानिए 6 अक्टूबर के लिए सूर्योदय का समय, सूर्यास्त का समय, नक्षत्र और शुभ मुहूर्त के बारे में
6 अक्टूबर को सूर्योदय, सूर्यास्त, चंद्रोदय और चंद्रोदय का समय
पंचांग के अनुसार, सूर्योदय और सूर्यास्त 6 अक्टूबर को क्रमशः सुबह 06:17 बजे और शाम 06:01 बजे होने की भविष्यवाणी की गई है। हालांकि, कोई चंद्रोदय नहीं होगा क्योंकि यह अमावस्या तिथि है।
६ अक्टूबर के लिए तिथि, नक्षत्र और राशि विवरण
6 अक्टूबर को अमावस्या तिथि शाम 4:34 बजे तक प्रभावी रहेगी और उसके बाद शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि होगी। 6 अक्टूबर को रात 11:20 बजे तक नक्षत्र हस्ता रहेगा। चंद्रमा के साथ-साथ सूर्य भी 6 अक्टूबर को कन्या राशि में विराजमान होंगे।
शुभ मुहूर्त ६ अक्टूबर
सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:17 बजे से रात 11:20 बजे तक चलेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग नई चीजों को शुरू करने के लिए सबसे अनुकूल और शुभ समय सीमा में से एक है क्योंकि यह सबसे आशाजनक और सकारात्मक तरीके से सफलता लाएगा।
एक और शुभ मुहूर्त गोधुली मुहूर्त होगा और यह शाम 05:50 बजे से शाम 06:14 बजे तक होगा जबकि विजया मुहूर्त दोपहर 02:06 से दोपहर 02:53 के बीच रहेगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 6 अक्टूबर को कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं रहेगा।
6 अक्टूबर के लिए आशुभ मुहूर्त
दोपहर 12:09 बजे से दोपहर 01:37 बजे तक का समय राहु के नकारात्मक प्रभाव में रहेगा, इसलिए कोई भी शुभ कार्य करने से बचें। किसी भी शुभ कार्य के लिए वरज्यम और गुलिकाई कलाम से भी बचना चाहिए। वरज्यम सुबह 08:56 से 10:24 बजे के बीच होगा जबकि गुलिकाई कलाम सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12:09 बजे तक चलेगा।
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