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सार
सन साइन सिटी घोटाला मामले में निदेशक आर्थिक अपराध शाखा तलब, निवेशकों का 237 करोड़ लेकर फरार हुए आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर कोर्ट नाराज, पुलिस और ईओडब्ल्यू की कार्यप्रणाली पर उठाया सवाल।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सन साइन सिटी के निदेशकों व प्रमोटर द्वारा 237 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला कर विदेश भाग जाने के मामले में गहरी नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) व पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ईओडब्ल्यू के निदेशक को अगली सुनवाई पर तलब कर बताने के लिए कहा है कि विदेश भाग गए लोगों और अन्य आरोपियों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कहा है।
श्रीराम राम व अन्य कई की याचिकाओं पर कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति पियूष अग्रवाल की पीठ सुनवाई कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 22 अक्तूबर को होगी। कोर्ट ने अगली तारीख को महानिदेशक आर्थिक अपराध शाखा को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इससे पूर्व अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता सैयद अली मुर्तजा ने कोर्ट को बताया कि कंपनी चलाने वाले नसीम ब्रदर्स दुबई भाग गए हैं।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय से इनका पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया गया था, जिनमें से एक का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है, जबकि दूसरे का भी प्रक्रिया में है। कोर्ट का कहना था कि हम यह समझने में नाकाम है कि जब अभियुक्तों के खिलाफ 284 एफआईआर दर्ज की गई तो तत्काल उनका पासपोर्ट निरस्त कराने का प्रयास क्यों नहीं किया गया और विदेश मंत्रालय ने सिर्फ एक ही पासपोर्ट क्यों रद्द किया।
जबकि 2 लोग देश से बाहर हैं और पुलिस ने दोनों का पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया था। विदेश स्थित एंबेसी को इसकी सूचना भी नहीं दी गई ताकि वहां रह रहे आरोपियों को वापस लाया जा सके। जबकि दुबई से भारत सरकार की प्रत्यर्पण संधि भी है। कोर्ट ने कहा कि एक अन्य अभियुक्त जो अदालत में अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित हैं उसके भारत में होते हुए भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
कोर्ट ने पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा की कार्यप्रणाली की कड़ी निंदा की और कहा कि अदालत इस मामले में कड़ा रुख अपनाना चाहती है। मगर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल के अनुरोध पर सुनवाई 2 सप्ताह के लिए टाल रहे हैं। हम देखना चाहते हैं कि पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा क्या कार्रवाई करती है। कोर्ट ने कहा कि दो मुख्य अभियुक्तों व अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाए।
मामले के अनुसार प्रयागराज के दो भाइयों ने सनशाइन सिटी नाम से लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी सहित कई शहरों में प्रोजेक्ट शुरू किया तथा प्लाट व फ्लैट बनाकर के बेचने के नाम पर लगभग ढाई हजार निवेशकों से करोड़ों रुपये ले लिए। कुछ लोगों को प्लाट व फ्लैट दिए गए। इसके बाद से दोनों प्रमोटर निवेशकों के करीब 237 करोड़ों रुपये लेकर के फरार हो गए, जिसके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि प्रकरण कुछ समय की जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया और दोनों एजेंसियों ने अभियुक्तों को गिरफ्तार करने और निवेशकों का पैसा लौटाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिस पर नाराजगी जताते हुए निदेशक आर्थिक अपराध शाखा को तलब किया था उनको अगली सुनवाई 22 अक्तूबर को भी हाजिर होने का निर्देश दिया है।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सन साइन सिटी के निदेशकों व प्रमोटर द्वारा 237 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला कर विदेश भाग जाने के मामले में गहरी नाराजगी जाहिर की है। अदालत ने मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) व पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ईओडब्ल्यू के निदेशक को अगली सुनवाई पर तलब कर बताने के लिए कहा है कि विदेश भाग गए लोगों और अन्य आरोपियों के खिलाफ समय रहते कार्रवाई क्यों नहीं की गई। कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कहा है।
श्रीराम राम व अन्य कई की याचिकाओं पर कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति पियूष अग्रवाल की पीठ सुनवाई कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 22 अक्तूबर को होगी। कोर्ट ने अगली तारीख को महानिदेशक आर्थिक अपराध शाखा को उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। इससे पूर्व अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और अपर शासकीय अधिवक्ता सैयद अली मुर्तजा ने कोर्ट को बताया कि कंपनी चलाने वाले नसीम ब्रदर्स दुबई भाग गए हैं।
जबकि 2 लोग देश से बाहर हैं और पुलिस ने दोनों का पासपोर्ट रद्द करने का अनुरोध किया था। विदेश स्थित एंबेसी को इसकी सूचना भी नहीं दी गई ताकि वहां रह रहे आरोपियों को वापस लाया जा सके। जबकि दुबई से भारत सरकार की प्रत्यर्पण संधि भी है। कोर्ट ने कहा कि एक अन्य अभियुक्त जो अदालत में अपने अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित हैं उसके भारत में होते हुए भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
कोर्ट ने पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा की कार्यप्रणाली की कड़ी निंदा की और कहा कि अदालत इस मामले में कड़ा रुख अपनाना चाहती है। मगर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल के अनुरोध पर सुनवाई 2 सप्ताह के लिए टाल रहे हैं। हम देखना चाहते हैं कि पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा क्या कार्रवाई करती है। कोर्ट ने कहा कि दो मुख्य अभियुक्तों व अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाए।
मामले के अनुसार प्रयागराज के दो भाइयों ने सनशाइन सिटी नाम से लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी सहित कई शहरों में प्रोजेक्ट शुरू किया तथा प्लाट व फ्लैट बनाकर के बेचने के नाम पर लगभग ढाई हजार निवेशकों से करोड़ों रुपये ले लिए। कुछ लोगों को प्लाट व फ्लैट दिए गए। इसके बाद से दोनों प्रमोटर निवेशकों के करीब 237 करोड़ों रुपये लेकर के फरार हो गए, जिसके खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि प्रकरण कुछ समय की जांच के बाद आर्थिक अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दिया गया और दोनों एजेंसियों ने अभियुक्तों को गिरफ्तार करने और निवेशकों का पैसा लौटाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जिस पर नाराजगी जताते हुए निदेशक आर्थिक अपराध शाखा को तलब किया था उनको अगली सुनवाई 22 अक्तूबर को भी हाजिर होने का निर्देश दिया है।
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