Home उत्तर प्रदेश खीरीः किसानों की अंतिम अरदास में उमड़ी भीड़, चप्पे-चप्पे पर तैनात रही...

खीरीः किसानों की अंतिम अरदास में उमड़ी भीड़, चप्पे-चप्पे पर तैनात रही पुलिस

252
0

[ad_1]

मृत किसानों को श्रद्धांजलि देते लोग।

मृत किसानों को श्रद्धांजलि देते लोग।

ख़बर सुनें

शांतिपूर्ण तरीके से निपटा अंतिम अरदास का कार्यक्रम, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली से पहुंचे किसान

तिकुनियां-निघासन-लखीमपुर खीरी। मंगलवार को तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुए बवाल में मारे गए किसानों के अंतिम अरदास कार्यक्रम में स्थानीय किसानों समेत बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के किसान भी पहुंचे। सुबह आठ बजे कौड़ियाला गुरुद्वारे से शुरू हुआ कार्यक्रम कुछ दूरी पर स्थित 30 एकड़ के कार्यक्रम स्थल में अंतिम अरदास के साथ दोपहर तीन बजे समाप्त हुआ। कार्यक्रम में किसान नेताओं के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी के अलावा कांग्रेस और सपा के कई नेता भी अंतिम अरदास और श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे। कार्यक्रम से जुड़ी सारी व्यवस्था सिख जत्थेदारों ने संभाली। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के लिए निघासन से लेकर कार्यक्रम स्थल तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस और आरएएफ तैनात रही।
तिकुनिया में तीन अक्टूबर को मारे गए किसानों की याद में मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अंतिम अरदास व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें यूपी, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान पहुंचे। कार्यक्रम के लिए आधारशिला रोड पर स्थित 30 एकड़ के खेत में मंच और भोजन की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम की व्यवस्था जांचने के लिए भाकियू नेता राकेश टिकैत सोमवार की शाम को ही तिकुनिया पहुंच चुके थे, जहां उन्होंने तैयारियों और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।
मंगलवार की सुबह आठ बजे कार्यक्रम स्थल से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक कौड़ियाला गुरुद्वारा में अखंड पाठ के समापन के साथ ही अंतिम अरदास कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जहां मारे गए किसानों की मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। उसके बाद आधारशिला रोड स्थित 30 एकड़ के कार्यक्रम स्थल में मंच पर शबद कीर्तन की शुरुआत हुई, जो 10 बजे तक चला। इस दौरान मंच के पास ही मंच की ऊंचाई के बराबर गुरुग्रंथ साहिब को स्थापित कर दरबार साहिब बनाया हुआ था। जहां मत्था टेकने के बाद किसान नेता मंच पर पहुंच रहे थे और पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक अपनी-अपनी बात कहकर श्रद्धांजलि दे रहे थे।
सुबह दस बजे से शुरू हुआ श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम करीब तीन बजे अंतिम अरदास के साथ समाप्त हुआ, जिसके बाद मंच पर बैठे चार किसानों एवं एक पत्रकार के परिजन को संयुक्त किसान मोर्चा ने सम्मानित किया। संयुक्त किसान मोर्चा ने बहराइच और खीरी के दो-दो मृतक किसानों के साथ-साथ बवाल में मारे गए निघासन के पत्रकार रमन कश्यप को भी अपने पोस्टर में शामिल किया और पांचों किसानों को शहीद का दर्जा दिया।

सिख जत्थेदारों ने संभाला मोर्चा

तिकुनिया हिंसा में मारे गए किसानों की श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेने आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिये संयुक्त किसान मोर्चा के वॉलंटियरों व सिख जत्थेदारों ने मोर्चा संभाल रखा था। कार्यक्रम स्थल में घुसते ही सबसे पहले जूता चप्पल रखने की व्यवस्था की गई थी, जिन्हें वॉलंटियरों ने बड़े करीने से संभाल रखा था। वहां पहुंचने वाले किसान व अन्य लोग जूते-चप्पल उतारकर मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिये आगे बढ़ रहे थे। आधार शिला रोड पर 30 एकड़ के खेत में कच्चे मार्ग के बाईं तरफ श्रद्धांजलि सभा का पंडाल था तो उसके दाईं और लंगर का पंडाल लगा था, जहां आने वाले लोगों को चाय, बिस्किट के अलावा उनके भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा जगह जगह पानी और चाय के टेंट लगे थे। जहां पहुंच लोगों ने चाय पीकर थकान व पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई।

चप्पे-चप्पे पर रही सुरक्षा व्यवस्था, गाड़ियों की वीडियोग्राफी भी कराई गई

तिकुनियां हिंसा में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिये कई राज्यों से किसानों व सिख जत्थेदारों की गाड़ियां पहुंच रहीं थीं। लखीमपुर व पलिया दोनों के रास्ते से किसानों का भारी भरकम जत्था तिकुनियां पहुंच रहा था। कोई बाइक, तो कोई कार व बस से पहुंच रहा था। इसमें भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। तिकुनियां में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा नंबर की गाड़ियां पहुंच रही थीं, जिनमें खाद्य व रसद लदी हुई दिख रही थी। इस दौरान निघासन चौराहे पर ही तिकुनियां जाने वाले रास्ते पर पुलिस व एलआईयू मुस्तैद दिखी। तिकुनियां जाने वाली हर गाड़ी, चाहे व कार हो, बाइक हो या बस व ट्रक सभी के नंबरों को एक रजिस्टर में नोट किया जा रहा था। साथ ही, तिकुनियां जाने वाली हर गाड़ी की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही थी। इसके अलावा निघासन से तिकुनियां जाने वाले करीब 30 किलोमीटर के रास्ते पर, जगह जगह पुलिस बल की तैनाती दिखी। जबकि, तिकुनियां पहुंचने पर कार्यक्रम स्थल से तीन किलोमीटर पहले ही गाड़ियों को डायवर्ट कर पार्किंग स्थल भेजा जा रहा था, जहां काफी बड़ी जगह में पार्किंग स्थल बनाया गया था।

शांतिपूर्ण तरीके से निपटा अंतिम अरदास का कार्यक्रम, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली से पहुंचे किसान

तिकुनियां-निघासन-लखीमपुर खीरी। मंगलवार को तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुए बवाल में मारे गए किसानों के अंतिम अरदास कार्यक्रम में स्थानीय किसानों समेत बड़ी संख्या में अन्य राज्यों के किसान भी पहुंचे। सुबह आठ बजे कौड़ियाला गुरुद्वारे से शुरू हुआ कार्यक्रम कुछ दूरी पर स्थित 30 एकड़ के कार्यक्रम स्थल में अंतिम अरदास के साथ दोपहर तीन बजे समाप्त हुआ। कार्यक्रम में किसान नेताओं के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी के अलावा कांग्रेस और सपा के कई नेता भी अंतिम अरदास और श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे। कार्यक्रम से जुड़ी सारी व्यवस्था सिख जत्थेदारों ने संभाली। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के लिए निघासन से लेकर कार्यक्रम स्थल तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस और आरएएफ तैनात रही।

तिकुनिया में तीन अक्टूबर को मारे गए किसानों की याद में मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से अंतिम अरदास व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें यूपी, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान पहुंचे। कार्यक्रम के लिए आधारशिला रोड पर स्थित 30 एकड़ के खेत में मंच और भोजन की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम की व्यवस्था जांचने के लिए भाकियू नेता राकेश टिकैत सोमवार की शाम को ही तिकुनिया पहुंच चुके थे, जहां उन्होंने तैयारियों और अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया था।

मंगलवार की सुबह आठ बजे कार्यक्रम स्थल से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऐतिहासिक कौड़ियाला गुरुद्वारा में अखंड पाठ के समापन के साथ ही अंतिम अरदास कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जहां मारे गए किसानों की मुक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। उसके बाद आधारशिला रोड स्थित 30 एकड़ के कार्यक्रम स्थल में मंच पर शबद कीर्तन की शुरुआत हुई, जो 10 बजे तक चला। इस दौरान मंच के पास ही मंच की ऊंचाई के बराबर गुरुग्रंथ साहिब को स्थापित कर दरबार साहिब बनाया हुआ था। जहां मत्था टेकने के बाद किसान नेता मंच पर पहुंच रहे थे और पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक अपनी-अपनी बात कहकर श्रद्धांजलि दे रहे थे।

सुबह दस बजे से शुरू हुआ श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम करीब तीन बजे अंतिम अरदास के साथ समाप्त हुआ, जिसके बाद मंच पर बैठे चार किसानों एवं एक पत्रकार के परिजन को संयुक्त किसान मोर्चा ने सम्मानित किया। संयुक्त किसान मोर्चा ने बहराइच और खीरी के दो-दो मृतक किसानों के साथ-साथ बवाल में मारे गए निघासन के पत्रकार रमन कश्यप को भी अपने पोस्टर में शामिल किया और पांचों किसानों को शहीद का दर्जा दिया।

सिख जत्थेदारों ने संभाला मोर्चा

तिकुनिया हिंसा में मारे गए किसानों की श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेने आने वाले लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिये संयुक्त किसान मोर्चा के वॉलंटियरों व सिख जत्थेदारों ने मोर्चा संभाल रखा था। कार्यक्रम स्थल में घुसते ही सबसे पहले जूता चप्पल रखने की व्यवस्था की गई थी, जिन्हें वॉलंटियरों ने बड़े करीने से संभाल रखा था। वहां पहुंचने वाले किसान व अन्य लोग जूते-चप्पल उतारकर मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिये आगे बढ़ रहे थे। आधार शिला रोड पर 30 एकड़ के खेत में कच्चे मार्ग के बाईं तरफ श्रद्धांजलि सभा का पंडाल था तो उसके दाईं और लंगर का पंडाल लगा था, जहां आने वाले लोगों को चाय, बिस्किट के अलावा उनके भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा जगह जगह पानी और चाय के टेंट लगे थे। जहां पहुंच लोगों ने चाय पीकर थकान व पानी पीकर अपनी प्यास बुझाई।

चप्पे-चप्पे पर रही सुरक्षा व्यवस्था, गाड़ियों की वीडियोग्राफी भी कराई गई

तिकुनियां हिंसा में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिये कई राज्यों से किसानों व सिख जत्थेदारों की गाड़ियां पहुंच रहीं थीं। लखीमपुर व पलिया दोनों के रास्ते से किसानों का भारी भरकम जत्था तिकुनियां पहुंच रहा था। कोई बाइक, तो कोई कार व बस से पहुंच रहा था। इसमें भारी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। तिकुनियां में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा नंबर की गाड़ियां पहुंच रही थीं, जिनमें खाद्य व रसद लदी हुई दिख रही थी। इस दौरान निघासन चौराहे पर ही तिकुनियां जाने वाले रास्ते पर पुलिस व एलआईयू मुस्तैद दिखी। तिकुनियां जाने वाली हर गाड़ी, चाहे व कार हो, बाइक हो या बस व ट्रक सभी के नंबरों को एक रजिस्टर में नोट किया जा रहा था। साथ ही, तिकुनियां जाने वाली हर गाड़ी की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही थी। इसके अलावा निघासन से तिकुनियां जाने वाले करीब 30 किलोमीटर के रास्ते पर, जगह जगह पुलिस बल की तैनाती दिखी। जबकि, तिकुनियां पहुंचने पर कार्यक्रम स्थल से तीन किलोमीटर पहले ही गाड़ियों को डायवर्ट कर पार्किंग स्थल भेजा जा रहा था, जहां काफी बड़ी जगह में पार्किंग स्थल बनाया गया था।

.

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here