न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ
Published by: मेरठ ब्यूरो
Updated Wed, 13 Oct 2021 11:45 PM IST
सार
नई बस्ती निवासी अनीस और उसका परिवार दशहरे पर दहन किए जाने वाले पुतले तैयार कर रहा है। रावण और उसके परिवार के बनाये जा रहे पुतलों को देखने के लिए शहर में लोगों की दिनभर भीड़ लगी रहती है।
दशहरा पर्व के चलते खेकड़ा मे रावण का पुतला बनाते कारीगर – फोटो : KAHKRA
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
उत्तर प्रदेश के बागपत में खेकड़ा थानाक्षेत्र की नई बस्ती निवासी अनीस और उसका परिवार दशहरे पर दहन किए जाने वाले पुतले तैयार कर रहा है। इस परिवार द्वारा गए गए 55 फीट ऊंचे पुतले की खास डिमांड है। बागपत के अलावा मंडौला, गाजियाबाद, नोएडा इसके लिए ऑर्डर आए हैं।
शहर की नालापार बस्ती निवासी अनीस रावण के पुतलों को बनाने में माहिर हैं। अनीस और उसका परिवार कई वर्षों से इस कार्य से जुड़े है। उनके द्वारा रावण के बनाये जाने वाले पुतले शहर क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं।
कलाकार अनीस आतिशबाज के बेटे इरफान और इमरान का कहना है कि उनके साथ ही पूर्वज भी रावण और उसके परिवार के पुतले सदियो से बनाते आ रहे हैं। अनीस के पुत्र इरफान का कहना है कि यह कारीगरी उन्हें पूर्वजों से विरासत में मिली है। पुतले बनाने का कार्य वह जन्माष्टमी पर्व के बाद शुरू कर देते है।
पुतलों के निर्माण के लिए कारीगर नहीं मिल पाते है। इस कारण वह लोग अपने परिवार की टीम के साथ पुतले बनाने का कार्य करते है। नए लोगों को केवल सहयोग के लिए ही रखा जाता है। उनके पुतलों की खेकड़ा के अलावा बागपत, मंडौला, गाजियाबाद, नोएडा के साथ ही गांवों से भी काफी ऑर्डर आते हैं।
दशहरा पर्व 15 अक्तूबर को है। अब उनका कार्य अंतिम चरण में है। रावण और उसके परिवार के बनाये जा रहे पुतलों को देखने के लिए शहर में लोगों की दिनभर भीड़ लगी रहती है। शहर के अलावा आस-पास के शहरों एवं गांव में दहन होने वाले पुतलों को भी यही कलाकार बनाते आ रहे हैं।
विस्तार
उत्तर प्रदेश के बागपत में खेकड़ा थानाक्षेत्र की नई बस्ती निवासी अनीस और उसका परिवार दशहरे पर दहन किए जाने वाले पुतले तैयार कर रहा है। इस परिवार द्वारा गए गए 55 फीट ऊंचे पुतले की खास डिमांड है। बागपत के अलावा मंडौला, गाजियाबाद, नोएडा इसके लिए ऑर्डर आए हैं।
शहर की नालापार बस्ती निवासी अनीस रावण के पुतलों को बनाने में माहिर हैं। अनीस और उसका परिवार कई वर्षों से इस कार्य से जुड़े है। उनके द्वारा रावण के बनाये जाने वाले पुतले शहर क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं।
कलाकार अनीस आतिशबाज के बेटे इरफान और इमरान का कहना है कि उनके साथ ही पूर्वज भी रावण और उसके परिवार के पुतले सदियो से बनाते आ रहे हैं। अनीस के पुत्र इरफान का कहना है कि यह कारीगरी उन्हें पूर्वजों से विरासत में मिली है। पुतले बनाने का कार्य वह जन्माष्टमी पर्व के बाद शुरू कर देते है।
पुतलों के निर्माण के लिए कारीगर नहीं मिल पाते है। इस कारण वह लोग अपने परिवार की टीम के साथ पुतले बनाने का कार्य करते है। नए लोगों को केवल सहयोग के लिए ही रखा जाता है। उनके पुतलों की खेकड़ा के अलावा बागपत, मंडौला, गाजियाबाद, नोएडा के साथ ही गांवों से भी काफी ऑर्डर आते हैं।
दशहरा पर्व 15 अक्तूबर को है। अब उनका कार्य अंतिम चरण में है। रावण और उसके परिवार के बनाये जा रहे पुतलों को देखने के लिए शहर में लोगों की दिनभर भीड़ लगी रहती है। शहर के अलावा आस-पास के शहरों एवं गांव में दहन होने वाले पुतलों को भी यही कलाकार बनाते आ रहे हैं।