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UP Anganwadi Recruitment 2021: यूपी आंगनवाड़ी भर्ती में आवेदन करने वाले अभ्यर्थी जान लें, चयन के बाद अब इस नई की भी निभानी होगी जिम्मेदारी

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सार

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आँगनवाडी कार्यकत्री, मिनी आँगनवाडी व सहायिका के पदों को भरने के लिए आवेदन मंगाए जा चुके हैं। इस भर्ती के अंतर्गत आवेदन करने वाले उम्मीदवारों का चयन उनकी मेरिट के आधार पर किया जाना है।  
 

आंगनबाड़ी केंद्र
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की बड़ी संख्या में भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस भर्ती के अंतर्गत आँगनवाडी कार्यकत्री, मिनी आँगनवाडी व सहायिका के रिक्त चल रहे पदों को भरा जाना है, जिसकी आवेदन प्रक्रिया भी पूरी कराई जा चुकी है। अब इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को इसकी मेरिट सूची जारी किए जाने का इंतजार बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों की कुल संख्या 1.89 लाख के करीब  है। इन केंद्रों में लगभग 4 लाख आंगनवाड़ी वर्कर कार्यरत हैं। बढ़ती आबादी के कारण  कर्मचारियों पर पड़ रहे अधिक दबाव को कम करने और कार्ययोजनाओं के सुगम संचालन के उद्देश्य से राज्य सरकार की अनुशंसा पर हाल ही में प्रदेश के 58 जिलों में भर्ती का आयोजन किया गया है। जो अब अपने अंतिम चरण में है। जल्द ही आवेदनकर्ताओं को नियुक्ति दी जा सकती है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवारों को बाल विकास सेवा एवं पुष्टहार विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर विज़िट करते रहना चाहिए। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सभी स्टूडेंट्स को बता दें कि इन दिनों सफलता द्वारा FREE October Current Affairs – Download Now उपलब्ध कराया जा रहा है जिसकी मदद से उम्मीदवार अपने किसी भी एग्जाम का कंप्लीट रिवीजन और पक्की तैयारी कर सकते हैं।

जान लें कितनी आबादी पर बनाए जाते हैं आंगनवाड़ी केंद्र 

आमतौर पर ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में 400-800 जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र खोला जाता है और उसके बाद जनसंख्या अधिक होने पर 800 के गुणन में एक और केंद्र खोला जा सकता है। जनजातीय/पहाड़ी इलाकों में 300-800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किया जाता है।  

इस अतिरक्ति जिम्मेदारी का करना पड़ सकता है निर्वहन 

ग्रामीण स्तर पर राज्य सरकार की बाल विकास और पुष्टहार, गर्ववती महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी व स्वास्थ्य से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकत्री की होती है। ऐसे में राज्य सरकार अब इन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को एक नई जिम्मेदारी सौंपने जा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, अब आंगनवाड़ी में प्री-प्राइमरी स्तर में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई भी कराई जाएगी। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिसके बाद 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के सभी बच्चों की शिक्षा आंगनवाड़ी केंद्रों में सपन्न हो सकेगी। 

कैसे शुरू करें तैयारी 

अगर आप भी घर पर रहकर अपनी प्रतियोगी परीक्षाओं की पक्की तैयारी करना चाहते हैं या अपने किसी भी एग्जाम का पूरा रीविजन करना चाहते हैं तो आज ही सफलता द्वारा चलाई जा रही फ्री Class को ज्वॉइन कर सकते हैं या अभी Safalta-app डाउनलोड करें। 

विस्तार

उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की बड़ी संख्या में भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस भर्ती के अंतर्गत आँगनवाडी कार्यकत्री, मिनी आँगनवाडी व सहायिका के रिक्त चल रहे पदों को भरा जाना है, जिसकी आवेदन प्रक्रिया भी पूरी कराई जा चुकी है। अब इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को इसकी मेरिट सूची जारी किए जाने का इंतजार बना हुआ है। जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में आंगनवाड़ी केंद्रों की कुल संख्या 1.89 लाख के करीब  है। इन केंद्रों में लगभग 4 लाख आंगनवाड़ी वर्कर कार्यरत हैं। बढ़ती आबादी के कारण  कर्मचारियों पर पड़ रहे अधिक दबाव को कम करने और कार्ययोजनाओं के सुगम संचालन के उद्देश्य से राज्य सरकार की अनुशंसा पर हाल ही में प्रदेश के 58 जिलों में भर्ती का आयोजन किया गया है। जो अब अपने अंतिम चरण में है। जल्द ही आवेदनकर्ताओं को नियुक्ति दी जा सकती है। इस बारे में और अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवारों को बाल विकास सेवा एवं पुष्टहार विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर विज़िट करते रहना चाहिए। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सभी स्टूडेंट्स को बता दें कि इन दिनों सफलता द्वारा FREE October Current Affairs – Download Now उपलब्ध कराया जा रहा है जिसकी मदद से उम्मीदवार अपने किसी भी एग्जाम का कंप्लीट रिवीजन और पक्की तैयारी कर सकते हैं।

जान लें कितनी आबादी पर बनाए जाते हैं आंगनवाड़ी केंद्र 

आमतौर पर ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में 400-800 जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र खोला जाता है और उसके बाद जनसंख्या अधिक होने पर 800 के गुणन में एक और केंद्र खोला जा सकता है। जनजातीय/पहाड़ी इलाकों में 300-800 की जनसंख्या पर एक आंगनवाड़ी केंद्र स्थापित किया जाता है।  

इस अतिरक्ति जिम्मेदारी का करना पड़ सकता है निर्वहन 

ग्रामीण स्तर पर राज्य सरकार की बाल विकास और पुष्टहार, गर्ववती महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी व स्वास्थ्य से जुड़े कार्यों की जिम्मेदारी आंगनवाड़ी कार्यकत्री की होती है। ऐसे में राज्य सरकार अब इन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को एक नई जिम्मेदारी सौंपने जा रही है। एक मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, अब आंगनवाड़ी में प्री-प्राइमरी स्तर में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई भी कराई जाएगी। इसके लिए आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिसके बाद 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के सभी बच्चों की शिक्षा आंगनवाड़ी केंद्रों में सपन्न हो सकेगी। 

कैसे शुरू करें तैयारी 

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