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झांसी का मामला : सेना में हुए सहायक भर्ती घोटाले में सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर, दिल्ली, गुजरात और पुणे में मारे छापे

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: पंकज श्रीवास्‍तव
Updated Thu, 04 Nov 2021 01:01 AM IST

सार

सीबीआई की लखनऊ यूनिट ने छापे मारकर भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और चल व अचल संपत्तियों में निवेश के दस्तावेज बरामद किए हैं। 
 

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सीबीआई ने झांसी में सेना में सहायकों (मेट्स) के 54 पदों पर हुई भर्ती में अनियमितता मामले में जांच शुरू कर दी है। बुधवार को सीबीआई की लखनऊ यूनिट ने झांसी में तैनात रहे कमांडर वर्किंग इंजीनियर (सीडब्ल्यूई) कर्नल अरविंद पराशर के पुणे स्थित आवास, तत्कालीन डिप्टी सीडब्ल्यूई लेफ्टिनेंट कर्नल आरआर नेगी व लेफ्टिनेंट कर्नल एके सिंह के दिल्ली स्थित आवास और ग्वालियर में तैनात अभियंता लेप्टिनेंट कर्नल डीएस रावत के पोरबंदर (गुजरात) स्थित आवास पर छापे मारे। इस दौरान भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और चल व अचल संपत्तियों में निवेश के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। 

वर्ष 2012 में सेना में चपरासी, चौकीदार, सफाईवाला, ड्राइवर व मेट्स के 54 पदों पर भर्ती हुई थी। इसमें संबंधित अधिकारियों पर नियमों को दरकिनार करने के साथ ही अभ्यर्थी को लाभ पहुंचाने के लिए लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में भी बदलाव करने का आरोप लगा था। सीबीआई ने इसकी प्रारंभिक जांच की थी। इसमें आरोप सही पाए जाने के बाद 28 अक्तूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। 

विस्तार

सीबीआई ने झांसी में सेना में सहायकों (मेट्स) के 54 पदों पर हुई भर्ती में अनियमितता मामले में जांच शुरू कर दी है। बुधवार को सीबीआई की लखनऊ यूनिट ने झांसी में तैनात रहे कमांडर वर्किंग इंजीनियर (सीडब्ल्यूई) कर्नल अरविंद पराशर के पुणे स्थित आवास, तत्कालीन डिप्टी सीडब्ल्यूई लेफ्टिनेंट कर्नल आरआर नेगी व लेफ्टिनेंट कर्नल एके सिंह के दिल्ली स्थित आवास और ग्वालियर में तैनात अभियंता लेप्टिनेंट कर्नल डीएस रावत के पोरबंदर (गुजरात) स्थित आवास पर छापे मारे। इस दौरान भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज और चल व अचल संपत्तियों में निवेश के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। 

वर्ष 2012 में सेना में चपरासी, चौकीदार, सफाईवाला, ड्राइवर व मेट्स के 54 पदों पर भर्ती हुई थी। इसमें संबंधित अधिकारियों पर नियमों को दरकिनार करने के साथ ही अभ्यर्थी को लाभ पहुंचाने के लिए लिखित परीक्षा की उत्तर पुस्तिका में भी बदलाव करने का आरोप लगा था। सीबीआई ने इसकी प्रारंभिक जांच की थी। इसमें आरोप सही पाए जाने के बाद 28 अक्तूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। 

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