न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Sun, 07 Nov 2021 10:22 PM IST
सार
पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में भाजपा का कार्यक्रम निदंनीय है। बीएचयू, बरेका का भी लगातार भाजपाकरण किया जा रहा है।
कांग्रेस के पूर्व विधायक अजय राय – फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि काशी के ताने-बाने के नाम पर तैयार ट्रेड फैसिलिटी सेंटर अब भाजपा का केंद्र बन गया है। गृह मंत्री कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि भाजपा संगठन की बैठक टीएफसी में करेंगे। बीएचयू, बरेका का भी लगातार भाजपाकरण किया जा रहा है। सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग जारी है।
रविवार को बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में संगठन का कार्यक्रम निंदनीय है जनहित में बने संस्थानों का प्रयोग भाजपाहित में करना अनुचित है। यह सरकार सरकारी संस्थानों को बेचती है और जो बचे हैं, उनका उपयोग अपने निजी हित में करती हैं।
ट्रेड फैसिलिटी सेंटर के नाम पर जनता से झूठ बोला गया कि काशी का ताना-बाना झलकेगा। केंद्र के जरिए राज्य के शिल्पियों, बुनकरों को लाभ पहुंचेगा लेकिन आज लघु उद्योग खत्म होने को हैं, बुनकर सड़क पर हैं। ताना-बाना अब सिर्फ पोस्टर व भाजपा की मार्केटिंग का हिस्सा बनकर रह गया है। बनारसी उद्योग पर संकट गहरा गया है। आसपास के जिलों की बात छोड़िये स्वयं बनारस का हाल-बदहाल है।
विस्तार
वाराणसी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि काशी के ताने-बाने के नाम पर तैयार ट्रेड फैसिलिटी सेंटर अब भाजपा का केंद्र बन गया है। गृह मंत्री कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि भाजपा संगठन की बैठक टीएफसी में करेंगे। बीएचयू, बरेका का भी लगातार भाजपाकरण किया जा रहा है। सरकारी संस्थानों का दुरुपयोग जारी है।
रविवार को बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में संगठन का कार्यक्रम निंदनीय है जनहित में बने संस्थानों का प्रयोग भाजपाहित में करना अनुचित है। यह सरकार सरकारी संस्थानों को बेचती है और जो बचे हैं, उनका उपयोग अपने निजी हित में करती हैं।
ट्रेड फैसिलिटी सेंटर के नाम पर जनता से झूठ बोला गया कि काशी का ताना-बाना झलकेगा। केंद्र के जरिए राज्य के शिल्पियों, बुनकरों को लाभ पहुंचेगा लेकिन आज लघु उद्योग खत्म होने को हैं, बुनकर सड़क पर हैं। ताना-बाना अब सिर्फ पोस्टर व भाजपा की मार्केटिंग का हिस्सा बनकर रह गया है। बनारसी उद्योग पर संकट गहरा गया है। आसपास के जिलों की बात छोड़िये स्वयं बनारस का हाल-बदहाल है।