Home उत्तर प्रदेश नगर निगम आश्रय स्थालों का हाल: कैमरे खराब, शौच के लिए पानी...

नगर निगम आश्रय स्थालों का हाल: कैमरे खराब, शौच के लिए पानी नहीं, रजाइयों से आ रही दुर्गंध

209
0

[ad_1]

सार

नगर निगम के आश्रय सदनों का जब निरीक्षण किया गया तो कई कमियां सामने आईं। डेंगू और वायरल बुखार के दौर में यहां मच्छरों से बचाव का कोई इंतजाम नहीं था। शौचालयों में पानी की व्यवस्था भी नहीं थी।

आगरा: शेल्टर होम का हाल
– फोटो : अमर उजाला

ख़बर सुनें

सर्दी शुरू हो गई हैं। आश्रयहीन लोगों को फुटपाथ पर न सोना पड़े इसके लिए आश्रय स्थलों में नि:शुल्क रहने की व्यवस्था है। पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से मुसाफिर यहां नहीं रुकते। नगर निगम भी ठंड बढ़ने का इंतजार कर रहा है। आलम यह है कि बेड क्षमता के मुताबिक एक तिहाई लोग ही आश्रय के लिए आ रहे हैं। अमर उजाला ने बुधवार को आश्रय स्थलों की पड़ताल की।
राजामंडी : टोंटी टूटी, मच्छरों का प्रकोप
देहली गेट से राजामंडी रेलवे स्टेशन रोड पर नगर निगम का शेल्टर होम है। तीन मंजिल भवन में 12 बेड हैं। केयर टेकर योगेश कौशिक ने बताया कि कमरों में लगे कैमरे खराब हैं। टोंटी व नल टूटे होने के कारण टंकी में पानी नहीं रुकता। शौच के लिए पानी नहीं रहता। मच्छरों से बचाव के इंतजाम नहीं। एलईडी टीवी भी खराब पड़ी है। सेनेटरी पाइप टूटने से गंदगी फैलती है। 
छीपीटोला : पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं
यहां चौराहे पर लगे होर्डिंग से रैन बसेरा छिप गया है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन नगर निगम द्वारा संचालित आश्रय भवन में 9 तख्त पड़े हैं। रजाई और गद्दे गंदे हैं। उनके दुर्गंध आ रही है। केयर टेकर प्रेम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि अभी चार-पांच लोग ही रुक रहे हैं। अगले सप्ताह से यह फुल हो जाएगा। रात में रुकने वाले मुसाफिरों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है।
 
लोहामंडी : इंतजाम दुरुस्त, महिलाओं का अलग कक्ष
लोहामंडी नगर निम जोनल कार्यालय में 75 बेड का आश्रय भवन है। 2016 में 1.05 करोड़ की लागत से बनी तीन मंजिल भवन में टीम को इंतजाम दुरुस्त मिले। केयर टेकर सतीश ने रजिस्टर दिखाया। मंगलवार को 17 लोगों की एंट्री थी। रजिस्टर में सबके नाम, पते व मोबाइल नंबर दर्ज थे। कमरों में मुसाफिरों के लिए सामान रखने को लॉकर बने हैं। दिव्यांग व महिलाओं के लिए अलग कक्ष की व्यवस्था है। 
ये हैं आंकड़ें
– 14 आश्रय भवन बने हुए हैं शहर में।
– 350 मुसाफिरों के रुकने की व्यवस्था।
– 25 अस्थाई आश्रय स्थल बनते हैं सर्दियों में।

दो दिन में ठीक करा देंगे
आश्रय स्थलों का निरीक्षण कराया जा रहा है। सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाएंगी। राजामंडी स्थल में पानी की समस्या बताई है इसे दो दिन में ठीक करा देंगे। सभी जगह साफ-सफाई रहेगी। – निखिल टीकाराम फुंडे, नगरायुक्त 

फेसबुक लाइव कर आत्महत्या का मामला: आरोपी दरोगा की गिरफ्तारी के लिए परिजनों ने शुरू की भूख हड़ताल
 

विस्तार

सर्दी शुरू हो गई हैं। आश्रयहीन लोगों को फुटपाथ पर न सोना पड़े इसके लिए आश्रय स्थलों में नि:शुल्क रहने की व्यवस्था है। पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने से मुसाफिर यहां नहीं रुकते। नगर निगम भी ठंड बढ़ने का इंतजार कर रहा है। आलम यह है कि बेड क्षमता के मुताबिक एक तिहाई लोग ही आश्रय के लिए आ रहे हैं। अमर उजाला ने बुधवार को आश्रय स्थलों की पड़ताल की।

राजामंडी : टोंटी टूटी, मच्छरों का प्रकोप

देहली गेट से राजामंडी रेलवे स्टेशन रोड पर नगर निगम का शेल्टर होम है। तीन मंजिल भवन में 12 बेड हैं। केयर टेकर योगेश कौशिक ने बताया कि कमरों में लगे कैमरे खराब हैं। टोंटी व नल टूटे होने के कारण टंकी में पानी नहीं रुकता। शौच के लिए पानी नहीं रहता। मच्छरों से बचाव के इंतजाम नहीं। एलईडी टीवी भी खराब पड़ी है। सेनेटरी पाइप टूटने से गंदगी फैलती है। 

छीपीटोला : पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं

यहां चौराहे पर लगे होर्डिंग से रैन बसेरा छिप गया है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन नगर निगम द्वारा संचालित आश्रय भवन में 9 तख्त पड़े हैं। रजाई और गद्दे गंदे हैं। उनके दुर्गंध आ रही है। केयर टेकर प्रेम प्रकाश गुप्ता ने बताया कि अभी चार-पांच लोग ही रुक रहे हैं। अगले सप्ताह से यह फुल हो जाएगा। रात में रुकने वाले मुसाफिरों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है।

 

.

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here