न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Fri, 12 Nov 2021 11:39 PM IST
सार
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली से झांसी तक अमृत कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी।
रानी लक्ष्मीबाई – फोटो : सोशल मीडिया
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली वाराणसी के भदैनी क्षेत्र से झांसी तक अमृत कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। 14 नवंबर को निकलने वाली कलश यात्रा का पहला पड़ाव बीएचयू होगा। इतिहास एवं पुरातत्व विभाग में विशेष व्याख्यान भी आयोजित किया जाएगा।
बीएचयू इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओएन सिंह ने बताया कि बीएचयू के कार्यक्रम के बाद विभिन्न जगहों से होते हुए यह यात्रा झांसी पहुंचेगी। यहां पीएम नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को कलश यात्रा में जाने वाली मिट्टी को झांसी में स्थापित करेंगे।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत निकलने वाली कलश यात्रा को लेकर स्थानीय स्तर पर तैयारियां अंतिम दौर में है। लोगाें को रानी लक्ष्मीबाई के संघर्षों के बारे में जागरूक किया गया जाएगा। कलश यात्रा में कुल 32 सदस्य शामिल होंगे।
यात्रा में 10 से अधिक महिलाएं भी रहेंगी। प्रो. ओएन सिंह की अध्यक्षता में तैयारियों की समीक्षा की गई। बताया कि 14 नवंबर को सुबह 11 बजे यात्रा विभाग में आएगी। बैठक में भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह, काशी प्रांत की अध्यक्षा प्रो. सुमन जैन, महासचिव श्रीपाल सिंह सोम मौजूद रहे।
विस्तार
रानी लक्ष्मीबाई की जन्मस्थली वाराणसी के भदैनी क्षेत्र से झांसी तक अमृत कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। 14 नवंबर को निकलने वाली कलश यात्रा का पहला पड़ाव बीएचयू होगा। इतिहास एवं पुरातत्व विभाग में विशेष व्याख्यान भी आयोजित किया जाएगा।
बीएचयू इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अध्यक्ष प्रो. ओएन सिंह ने बताया कि बीएचयू के कार्यक्रम के बाद विभिन्न जगहों से होते हुए यह यात्रा झांसी पहुंचेगी। यहां पीएम नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को कलश यात्रा में जाने वाली मिट्टी को झांसी में स्थापित करेंगे।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत निकलने वाली कलश यात्रा को लेकर स्थानीय स्तर पर तैयारियां अंतिम दौर में है। लोगाें को रानी लक्ष्मीबाई के संघर्षों के बारे में जागरूक किया गया जाएगा। कलश यात्रा में कुल 32 सदस्य शामिल होंगे।
यात्रा में 10 से अधिक महिलाएं भी रहेंगी। प्रो. ओएन सिंह की अध्यक्षता में तैयारियों की समीक्षा की गई। बताया कि 14 नवंबर को सुबह 11 बजे यात्रा विभाग में आएगी। बैठक में भारतीय इतिहास संकलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. डीपी सिंह, काशी प्रांत की अध्यक्षा प्रो. सुमन जैन, महासचिव श्रीपाल सिंह सोम मौजूद रहे।