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चिल्लीपाड़ा निवासी वर्षा रघुवंशी की शुक्रवार शाम को मौत हो गई थी। मृतका के भाई दुष्यंत के साथ भाजयुमो के क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत और महानगर अध्यक्ष शैलू पंडित घर पहुंचे थे। इसके बाद बवाल हो गया था। पथराव और फायरिंग की गई थी। इस दौरान सीओ लोहामंडी सौरभ सिंह और थाना प्रभारी निरीक्षक योगेंद्र कुमार भी मौजूद थे। पुलिस ने भी भागकर खुद को बचाया था। दो दुकानों में भी तोड़फोड़ की गई थी।
पुलिस ने वर्षा की मौत के मामले में भाई दुष्यंत की तहरीर पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें पति फईम सहित पांच को नामजद किया गया था। पुलिस ने पति, ससुर और देवर को जेल भेज दिया था। शनिवार को तीन और मुकदमे दर्ज किए गए। पुलिस की ओर से दर्ज मुकदमे में किसी की नामजदगी नहीं की गई। पुलिस के सामने बवाल हुआ था। पुलिस के पास सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और वायरल वीडियो हैं। इसके बावजूद एक भी आरोपी को नामजद नहीं किया गया। किसी की गिरफ्तारी भी नहीं की गई है।
यह दर्ज हुए मुकदमे
1- चौकी प्रभारी डिवीजन राकेश कुमार की तहरीर पर बलवा, सरकारी कार्य में बाधा, पथराव और सात सीएलए एक्ट में मुकदमा लिखा गया। इसमें किसी को नामजद नहीं किया गया है। 25-30 अज्ञात आरोपी दिखाए गए हैं।
2- भाजयुमो के क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत की ओर से दूसरा मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि चिल्लीपाड़ा में उन पर जानलेवा हमला किया गया। मोहल्ले के लोगों ने पथराव किया और गोलियां चलाईं। उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई।
3- शाहगंज बाजार में रेडीमेड कपड़ों की दुकान के संचालक अमान बेग ने मुकदमा दर्ज कराया। इसमें बलवा, डकैती, तोड़फोड़, मारपीट का आरोप लगाया गया। यह भाजयुमो के महानगर अध्यक्ष शैलू पंडित और क्षेत्रीय मंत्री गौरव राजावत को नामजद और 10-12 अज्ञात के खिलाफ लिखा गया। दुकान में तोड़फोड़ करते सीसीटीवी फुटेज भी दिए गए हैं। इसमें आरोपियों की पहचान भी हो रही है।
उठ रहे सवाल
– बवाल पुलिस के सामने हुआ? फिर भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कराया तो नामजदगी क्यों नहीं की? 36 घंटे में पुलिस आरोपियों को क्यों नहीं पहचान पाई?
– दुकान में तोड़फोड़ करने वालों के सीसीटीवी फुटेज हैं। यह लोग मोहल्ले में पथराव के बाद आए थे? ऐसे में पुलिस ने अपने मुकदमे में उनकी नामजदगी क्यों नहीं की? दुकानदार के मुकदमे में नाम लिखा गया।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि युवती की मौत के मामले में दहेज हत्या का मुकदमा पहले दिन ही दर्ज कर लिया गया था। तीन और मुकदमे दर्ज किए गए हैं। आरोपियों को चिह्नित करके विधिक कार्रवाई की जाएगी। साक्ष्य संकलन किया जा रहा है।
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