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फर्जीवाड़ा: आगरा के 18994 लोग तीन राज्यों में ले रहे सरकारी राशन, आधार लिंक होने पर हुआ खुलासा

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सार

जिन लोगों के नाम तीन राज्यों के राशनकार्ड में दर्ज हैं उनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो आगरा की सीमावर्ती गांव में रहते हैं। इनके राशनकार्ड पर मध्य प्रदेश और राजस्थान से भी राशन लिया जा रहा है। 

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आगरा जिले में 18,994 लोग ऐसे हैं, जिनके नाम तीन राज्यों के राशन कार्ड में दर्ज हैं। आधार नंबर से राशन कार्ड लिंक होने से इनकी पहचान हो सकी। फर्जीवाड़े की आशंका पर सत्यापन के लिए शासन ने इन लोगों का डाटा जिला पूर्ति विभाग को भेजा है। पूर्ति विभाग का कहना है कि फर्जी नाम सूची से काटे जा रहे हैं।

जिले में 30 लाख से अधिक लोग पात्र गृहस्थी योजना के तहत राशन ले रहे हैं। इनके अलावा करीब 9 हजार अन्त्योदय कार्ड धारक हैं। आधार कार्ड से सभी कार्ड लिंक किए गए हैं। लिंकिंग रिपोर्ट में 18,994 डुप्लीकेट नाम मिले हैं। 

जिला पूर्ति अधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि इनमें अधिकतर ऐसे लोग हैं जो आगरा की सीमा पर रहते हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के कार्डों में इनके नाम हैं। प्रदेश स्तर पर सूची बनाई गई है। सूची शासन के माध्यम से संबंधित राज्यों को भेजी जा रही है। उनके नाम काटे जा रहे हैं।

सीमांत क्षेत्र के गांवों के हैं अधिकांश लोग
जिन लोगों के नाम तीन राज्यों में दर्ज हैं उनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जो आगरा की सीमावर्ती गांव में रहते हैं। जिनके कार्ड आगरा में बने हैं लेकिन धौलपुर, ग्वालियर, भरतपुर, जयपुर के अलावा प्रदेश में आगरा के अलावा गैर जिलों जैसे मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस आदि जिलों के मूल निवासी हैं।

गलत सूचना पर जुर्माना और सजा भी संभव
राशन कार्ड में एक व्यक्ति का नाम एक ही जगह रह सकता है। पूर्ति अधिकारी के मुताबिक एक से अधिक जगह नाम दर्ज होने पर उन्हें हटाया जाएगा। राशन कार्ड के लिए गलत जानकारी देना अपराध है। ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध जुर्माना व कारावास का एक्ट में प्रावधान है।

राशन वितरण की भी कराई जाए जांच
खाद्य विभाग की सतर्कता समिति की सदस्य तुलसा देवी का कहना है कि अपात्र व फर्जी लोगों के नाम पर वितरित हुए राशन की भी जांच होनी चाहिए। पूरी प्रक्रिया जब ऑनलाइन है तो ऐसा फर्जीवाड़ा कैसे हुआ। विभागीय अधिकारी व कोटेदारों की मिलीभगत भी हो सकती है।

5900 से अधिक लोगों के नाम काटे जा चुके
जिला पूर्ति अधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि 18,994 में से 5900 लोगों के नाम सत्यापन के बाद सूची से काटे गए हैं। संसोधित डाटा पोर्टल पर फीड कराया जा रहा है। करीब 12 हजार लोगों की जांच के लिए सभी तहसीलों के खाद्य अधिकारी व सहायक अधिकारी जुटे हुए हैं।
 

विस्तार

आगरा जिले में 18,994 लोग ऐसे हैं, जिनके नाम तीन राज्यों के राशन कार्ड में दर्ज हैं। आधार नंबर से राशन कार्ड लिंक होने से इनकी पहचान हो सकी। फर्जीवाड़े की आशंका पर सत्यापन के लिए शासन ने इन लोगों का डाटा जिला पूर्ति विभाग को भेजा है। पूर्ति विभाग का कहना है कि फर्जी नाम सूची से काटे जा रहे हैं।

जिले में 30 लाख से अधिक लोग पात्र गृहस्थी योजना के तहत राशन ले रहे हैं। इनके अलावा करीब 9 हजार अन्त्योदय कार्ड धारक हैं। आधार कार्ड से सभी कार्ड लिंक किए गए हैं। लिंकिंग रिपोर्ट में 18,994 डुप्लीकेट नाम मिले हैं। 

जिला पूर्ति अधिकारी संजीव सिंह ने बताया कि इनमें अधिकतर ऐसे लोग हैं जो आगरा की सीमा पर रहते हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के कार्डों में इनके नाम हैं। प्रदेश स्तर पर सूची बनाई गई है। सूची शासन के माध्यम से संबंधित राज्यों को भेजी जा रही है। उनके नाम काटे जा रहे हैं।

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