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वाराणसी में मां अन्नपूर्णा का महाव्रत आरंभः महंत ने बांटा 17 गांठ का धागा, श्रद्धालुओं ने संकल्प लेकर लगाई फेरी

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: गीतार्जुन गौतम
Updated Wed, 24 Nov 2021 09:20 PM IST

सार

वाराणसी में बुधवार को मां अन्नपूर्णा के दरबार में 17 वर्ष 17 महीने और 17 दिन के महाव्रत के लिए धागा पाने वालों की लंबी कतार लगी रही।

मां अन्नपूर्णा के दरबार में 17 गाँठ का धागा श्रद्धालुओं को वितरित करते महंत शंकर पुरी ।
– फोटो : अमर उजाला

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वाराणसी में मां अन्नपूर्णा के 17 दिवसीय महाव्रत की शुरुआत अगहन माह के कृष्णपक्ष की पंचमी को हुई। श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में 17 दिवसीय व्रत का संकल्प लिया। परंपरा के अनुसार व्रत के प्रथम दिन बुधवार को मंदिर के महंत शंकर पुरी ने श्रद्धालुओं में 17 गांठ के धागे का वितरण किया।

17 वर्ष 17 महीने और 17 दिन के महाव्रत के लिए माता के दरबार में धागा पाने वालों की लंबी कतार लगी रही। मां अन्नपूर्णा का दरबार बुधवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं से गुलजार हो उठा। महंत शंकर पुरी ने मंदिर परिसर में व्रतियोें कोे 17 गांठ के धागे का वितरण किया।

महंत ने कहा कि मां अन्नपूर्णा का व्रत-पूजन दैहिक, दैविक और भौतिक सुख प्रदान करता है। अन्न-धन, ऐश्वर्य, आरोग्य एवं संतान की कामना से मां अन्नपूर्णा का यह व्रत अनुष्ठान किया जाता है। माता अन्नपूर्णा के इस महाव्रत में व्रती 17 गांठ वाला धागा धारण करते हैं।

महाव्रत में महिलाएं बाएं व पुरुष दाहिने हाथ में 17 गांठ का धागा धारण करते हैं। इसमें अन्न का सेवन वर्जित होता है। केवल एक वक्त बिना नमक का फलाहार किया जाता है। 17 दिन तक चलने वाले इस अनुष्ठान का उद्यापन 9 दिसंबर को होगा।

उस दिन धान की बालियों से माता के परिसर को सजाया जाएगा। पूर्वांचल के किसान भी अपनी फसल का पहला धान मां को अर्पित करते हैं। महिलाएं माता का दर्शन व फेरी लगाकर अपने व्रत का उद्यापन करती हैं। 10 दिसंबर को धान की बाली प्रसाद रूप में भक्तों में वितरित किया जाएगा।

विस्तार

वाराणसी में मां अन्नपूर्णा के 17 दिवसीय महाव्रत की शुरुआत अगहन माह के कृष्णपक्ष की पंचमी को हुई। श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में 17 दिवसीय व्रत का संकल्प लिया। परंपरा के अनुसार व्रत के प्रथम दिन बुधवार को मंदिर के महंत शंकर पुरी ने श्रद्धालुओं में 17 गांठ के धागे का वितरण किया।

17 वर्ष 17 महीने और 17 दिन के महाव्रत के लिए माता के दरबार में धागा पाने वालों की लंबी कतार लगी रही। मां अन्नपूर्णा का दरबार बुधवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं से गुलजार हो उठा। महंत शंकर पुरी ने मंदिर परिसर में व्रतियोें कोे 17 गांठ के धागे का वितरण किया।

महंत ने कहा कि मां अन्नपूर्णा का व्रत-पूजन दैहिक, दैविक और भौतिक सुख प्रदान करता है। अन्न-धन, ऐश्वर्य, आरोग्य एवं संतान की कामना से मां अन्नपूर्णा का यह व्रत अनुष्ठान किया जाता है। माता अन्नपूर्णा के इस महाव्रत में व्रती 17 गांठ वाला धागा धारण करते हैं।

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