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सिद्धार्थनगर : नेपाल की राष्ट्रपति ने भगवान बुद्ध से संबंधित स्थलों को विकसित करने के लिए एकीकृत योजना बनाने का किया आह्वान 

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संवाद न्यूज एजेंसी, कपिलवस्तु (सिद्धार्थनगर)
Published by: Kuldeep Singh
Updated Fri, 03 Dec 2021 01:43 AM IST

सार

लुंबिनी विश्वविद्यालय, नेपाल के 17वें वर्षगांठ समारोह कार्यक्रम में राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने बुद्ध की जन्मस्थली और उससे सटी बौद्ध भूमि कपिलवस्तु, नवलपरासी और रूपनदेही को एकीकृत योजना के तहत विकसित करने व जोड़ने पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं और जीवन दर्शन को पाठ्य पुस्तकों को शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने पूरी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया।
 

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लुंबिनी विश्वविद्यालय, नेपाल के 17वें वर्षगांठ समारोह में शिरकत करने आईं राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भगवान बुद्ध से संबंधित स्थलों को विकसित करने के लिए एकीकृत योजना बनाने का आह्वान किया।

लुंबिनी विश्वविद्यालय के 17वें वर्षगांठ समारोह में नेपाल की राष्ट्रपति ने किया आह्वान
बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने बुद्ध की जन्मस्थली और उससे सटी बौद्ध भूमि कपिलवस्तु, नवलपरासी और रूपनदेही को एकीकृत योजना के तहत विकसित करने व जोड़ने पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं और जीवन दर्शन को पाठ्य पुस्तकों को शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने पूरी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया।

लुंबिनी मास्टर प्लान को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इसका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व है। मास्टर प्लान समय पर पूरा होने पर ही लुंबिनी की गरिमा बढ़ेगी और यहां के सांस्कृतिक महत्व की जानकारी होगी। दुनिया में शांति चाहने वाले सभी लोग लुंबिनी को विशेष महत्व देते हैं।

विस्तार

लुंबिनी विश्वविद्यालय, नेपाल के 17वें वर्षगांठ समारोह में शिरकत करने आईं राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने भगवान बुद्ध से संबंधित स्थलों को विकसित करने के लिए एकीकृत योजना बनाने का आह्वान किया।

लुंबिनी विश्वविद्यालय के 17वें वर्षगांठ समारोह में नेपाल की राष्ट्रपति ने किया आह्वान

बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने बुद्ध की जन्मस्थली और उससे सटी बौद्ध भूमि कपिलवस्तु, नवलपरासी और रूपनदेही को एकीकृत योजना के तहत विकसित करने व जोड़ने पर जोर दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि बुद्ध की शिक्षाओं और जीवन दर्शन को पाठ्य पुस्तकों को शामिल किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने पूरी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया।

लुंबिनी मास्टर प्लान को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि इसका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व है। मास्टर प्लान समय पर पूरा होने पर ही लुंबिनी की गरिमा बढ़ेगी और यहां के सांस्कृतिक महत्व की जानकारी होगी। दुनिया में शांति चाहने वाले सभी लोग लुंबिनी को विशेष महत्व देते हैं।

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