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संवाद न्यूज एजेंसी, मैनपुरी
Published by: Abhishek Saxena
Updated Sun, 05 Dec 2021 10:00 AM IST
सार
व्यापारी बलराम ने घटनास्थल पर ही मोबाइल से सिम निकालकर फेंक दिया था। करनाल पहुंचकर उसने नया सिम कार्ड खरीदा और मोबाइल में डाल लिया। ईएमआई नंबर से मोबाइल को ट्रैस कर रही पुलिस को सिम एक्टिवेट होते ही व्यापारी की लोकेशन मिल गई।
![साजिश का खुलासा: चुनावी रंजिश में विपक्षियों को फंसाने के लिए व्यापारी ने रची थी खुद के अपहरण की झूठी कहानी मैनपुरी: पुलिस गिरफ्त में व्यापारी](https://spiderimg.amarujala.com/assets/images/2021/12/04/750x506/businessman-arrests-in-fake-kidnapping_1638619519.jpeg)
मैनपुरी: पुलिस गिरफ्त में व्यापारी
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मैनपुरी जनपद में किशनी के गांव सहारा निवासी व्यापारी बलराम का अपहरण नहीं हुआ था। व्यापारी ने विपक्षियों को फंसाने के लिए भतीजों के साथ मिलकर अपने अपहरण की योजना बनाई थी। षडयंत्र के तहत चुनावी रंजिश के कारण हुसैनपुर के प्रधान व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। शनिवार को एसपी ने प्रेसवार्ता कर अपहरण कांड का खुलासा कर दिया। पुलिस ने व्यापारी और उसके तीन भतीजों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
भतीजों साथ मिलकर अपहरण की योजना बनाई
पुलिस लाइन सभागार में एसपी ने प्रेसवार्ता कर बताया कि व्यापारी बलराम की गांव हुसैनपुर के प्रधान से चुनावी रंजिश थी। विपक्षियों के कारण व्यापारी की बेटी का रोजगार सेवक के पद पर भी चयन नहीं हो सका था। इसे लेकर नामजद लोगों से विवाद भी हुआ था। बदला लेने के उद्देश्य से बलराम ने भतीजे सुनील, पवन और कृष्णा के साथ मिलकर अपने अपहरण की योजना बनाई।
मुकदमा दर्ज किया
28 नवंबर को व्यापारी ने बाइक को बेवर-किशनी मार्ग पर लालपुर मोड़ के पास खड़ा किया और हेलमेट रखकर ई-रिक्शा में बैठकर बेवर चला गया। वहां से दिल्ली और फिर करनाल, जयपुर और वहां से अहमदाबाद चला गया था। एसपी ने बताया कि बलराम व उसके भतीजों पवन, सुनील और कृष्णा को गिरफ्तार कर लिया है। उनके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराने, आपराधिक षड्यंत्र रचने सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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