Home राज्य गुजरात सूरत में पानी की लाइन टूटने से पिछले 4 दिनों में पानी बर्बाद हो गया। मनपा कर्मचारी/अधिकरी आराम में मस्त

सूरत में पानी की लाइन टूटने से पिछले 4 दिनों में पानी बर्बाद हो गया। मनपा कर्मचारी/अधिकरी आराम में मस्त

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सूरत में पानी की लाइन टूटने से पिछले 4 दिनों में पानी बर्बाद हो गया। मनपा कर्मचारी/अधिकरी आराम में मस्त

सुरत,सड़क पार करने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
मनपा की लापरवाही से पिछले कई दिनों से सूरत के उधना क्षेत्र के काशीनगर के आसपास पानी बह रहा है. स्थानीय लोगों के समझाने के बाद भी पानी विभाग के कर्मचारी/अधिकारीगण अपने मस्ती में मस्त आरामदायक नीद निकाल रहे हैं,
पानी का बहाव बंद न होने से लाखोँ लीटर पानी गटर में जा रहा है उधना जोन में पानी-गटर विभाग आमने -सामने होने से संपर्क होने में कई दिक्कत आ रही हैं, इस काम करने का अभी उचित समय न होने से जल्दबाजी में कोई भी काम विभाग नही करता, कोंट्राक्टर के साथ सेटिंग्स होने के बाद ही आगे कई कार्य होगे इस तरह सूत्रों से जानकारी मिल रही है,
ऐसे में लगातार पानी रहने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ सकता है। जिससे मच्छर जनित बीमारियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। जिसमें आरोग्य विभाग डॉ. के अस्पताल में जो खाली पड़े हैं उन्हें भरने के कोशिश कर रहे हैं इस तरह प्रतीक होता हैं,
सुरत मनपा पर काम नहीं करने का आरोप कुछ जनता के लोग लगा रहे हैं लेकिन पानी विभाग, ड्रेनेज विभाग, और आरोग्य विभाग एक दूसरे कई महेरबानी से कुछ दिन पहले मनपा के हाइड्रोलिक विभाग ने किसी कारणवश पेयजल पाइप लाइन में काम शुरू किया था.
फिर भी सोए हुए अधिकारी अभी तक अपना कार्य पूरा नहीं कर रहे हैं। हर दिन लाखों लीटर पानी सड़क पर बह रहा है पिछले चार-पांच दिनों से इस स्थिति के बावजूद अधिकारी वहां भी नहीं जा रहे हैं। पानी सड़क पर आ गया है और वाहन चालकों को भी निकलने में परेशानी हो रही है।
स्थानीय निवासी ने बताया कि, पिछले पांच दिनों में सुबह साढ़े पांच बजे के बाद इतनी ही बड़ी मात्रा में पानी आता है. यह पानी हम रोज सड़क पर देख रहे हैं क्योंकि 8 बजे तक पानी यूं ही बहता रहता है। यहां तक ​​कि हमारे स्थानीय पार्षदों को भी लोगों की मुश्किलों को दूर करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिख रही है. यह समझ से बाहर है कि इन अधिकारियों और नेताओं को कितनी बार बताना है। ये लोग हमेशा ज्यादा बचत करने की बात करते हैं। इसका कचरा सब कुछ कर रहा है, उदाहरण के लिए, पानी बचाने की बात कर रहा है लेकिन इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहा है, भले ही पानी बर्बाद हो रहा हो।

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