आगरा: आईटीआई संस्थान में लड़कियां
– फोटो : अमर उजाला
दृश्य बदल गया है। युवतियों का फोकस करियर पर है। पुरुष का क्षेत्र समझे जाने वाले काम में यदि अवसर है तो वह हिचक नहीं रहीं। सिलाई-कढ़ाई नहीं अब बेटियां फिटर और मैकेनिक बनना चाहती हैं। आईटीआई में पिछले तीन साल में प्रवेश के आंकड़े यह बताते हैं। बल्केश्वर स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) की एक यूनिट में कुल 20 प्रशिक्षणार्थी में दो या तीन लड़कियां ही होती थीं। पिछले तीन साल में यह संख्या दोगुना से ज्यादा हो गई है। इसके विपरीत सिलाई कोर्स में लड़कियों की संख्या कम हुई है। सिलाई कोर्स की कुल 120 सीटों में से 15 तक खाली हैं जबकि पहले इस कोर्स में सभी सीटें फुल रहती थीं। प्रधानाचार्य इंजीनियर आशीष दुबे ने बताया कि आईटीआई में 24 ट्रेड हैं। इन ट्रेड की 76 यूनिटों में कुल 1200 सीटें हैं। प्रत्येक ट्रेड में लड़कियों के लिए व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने 20 प्रतिशत कोटा निर्धारित किया हुआ है। तीन साल पहले तक तय कोटे के मुताबिक एक यूनिट में दो या तीन लड़कियां शामिल हो पा रही थी लेकिन अब इनकी संख्या छह तक हो गई है।
आगरा: बल्केश्वर आईटीआई में लड़कियां
– फोटो : अमर उजाला
करियर बनाने पर है फोकसप्रधानाचार्य आशीष दुबे का कहना है कि तकनीकी कोर्स में लड़कियों के दाखिले बढ़ने की वजह करियर है। सिलाई, कढ़ाई से ज्यादा लड़कियों को फिटर, इलेक्ट्रिीशियन, टर्नर आदि ट्रेड में भविष्य नजर आ रहा है। अनेक लड़कियों ने आईटीआई करने के बाद नौकरी ज्वाइन की है। रेलवे से लेकर निजी कंपनी तक में लड़कियों को नौकरी मिली हैं। इसी का प्रभाव है कि सिलाई, कढ़ाई में रुझान कम हुआ है और तकनीकी ट्रेड में बढ़ा है।
आईआईटी करने वालीं छात्राएं
– फोटो : अमर उजाला
नौकरी के लिए बन रही फिटरसिलाई और कढ़ाई तो घर में भी सीखी जा सकती है। इससे नौकरी भी नहीं मिलेगी। आगे बढ़ने के लिए ही फिटर का कोर्स कर रही हूं। -अंजू, फिटर फिटर प्रशिक्षु
तकनीकी पढ़ाई का महत्व ज्यादा
तकनीकी पढ़ाई का महत्व ज्यादा है। मैं नौकरी करना चाहती हूं। फिटर का कोर्स कर सरकारी अथवा गैर सरकारी क्षेत्र में नौकरी मिल सकती है। – दौलती, फिटर प्रशिक्षु
आगरा आईटीआई की छात्राएं
– फोटो : अमर उजाला
तकनीकी शिक्षा में पीछे क्यों
आज लड़कियां किसी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं हैं, फिर तकनीकी शिक्षा हासिल करने में पीछे क्यों रहे। मेरा लक्ष्य नौकरी हासिल करना है।
– शिवांगी, मशीनिस्टभविष्य सुरक्षित करना है मुझे
भविष्य सुरक्षित करने के उद्देश्य से मशीनिस्ट का कोर्स कर रही हूं। महज सिलाई, कढ़ाई सीखने से नौकरी नहीं मिलेगी। तरक्की नहीं हो सकती है।
– हिना, मशीनिस्ट प्रशिक्षु
आईटीआई की छात्राएं
– फोटो : अमर उजाला
प्रमुख कोर्स और सीटें
कोर्स कुल सीटें
फिटर – 120
टर्नर – 160
मशीनिस्ट – 80
इलेक्ट्रिीशियन – 120
फैशन टेक्नोलॉजी – 40
सिलाई – 120
इन्स्ट्रूमेंट मैकेनिक – 40
रेफ्रिजरेशन एयर कंडीशनर – 20
ड्राफ्टमैन मेकेनिकल – 40
ड्राफ्टमैन सिविल – 40
इलेक्ट्रॉनिक्स मैकेनिक – 60
मोटर मैकेनिक – 40
बेसिक शिक्षा अधिकारी से हाथापाई का मामला: मैनपुरी में रातभर चला हंगामा, प्रधानाध्यापिका सहित तीन शिक्षक हटाए