सूरत, सूरत में सड़क किनारे या बाधारूप मंदिरों को हटाने के हाई कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम द्वारा जारी नोटिस के खिलाफ बजरंग दल और विहिप ने जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सरकार और प्रशासन से वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की और चेतावनी दी कि यदि मंदिरों को नहीं बख्शा गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सूरत में कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया है. कलेक्टर कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग उमड़ पड़े.
बजरंग दल के अध्यक्ष कमलेश क्याडा ने कहा कि वे मंदिरों को हटाने के फैसले का विरोध करते हैं और मांग करते हैं कि पहले मजारों और कब्रों को हटाया जाए. वीएचपी के महंत ने कहा कि मंदिरों को तोड़ने के बजाय वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने सरकार पर हिंदू हितों की बात कर वोट मांगने और दूसरी ओर मंदिरों को तोड़ने का आरोप लगाया. सैकड़ों की संख्या में बजरंग दल, विहिप कार्यकर्ता और स्थानीय लोग कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और नोटिस वापस लेने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने रामधुन बजाई और जय श्री राम के नारे लगाए. आगे उन्होंने कहा हमारा किसी भी राजनीतिक दल से कोई लेना-देना नहीं है. जो लोग हिंदुत्व की बात करते हैं वे अलग हैं और जो हिंदुत्व का काम करते हैं वे अलग होते है. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल किसी भी सरकार में मंदिर को तोड़ा जाना बर्दाश्त नहीं करेगा. हम जेल जाने को तैयार रहेंगे लेकिन किसी भी हालत में मंदिर नहीं टूटने देंगे.