सूरत, सूरत नगर निगम संचालित स्मीमेर अस्पताल लगातार विवादों में बना हुआ है. जबकि थाई लड़की कांड अभी भी चल रहा है, एक और मामला सामने आया है. एक मरीज को चढ़ाई गई बोतल के साथ यूरिन का नमूना देने के लिए भेजा गया. इसी बीच अस्पताल कमेटी के एक सदस्य की नजर में यह लापरवाही सामने आई. इसके बाद जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है.
सूरत नगर निगम की अस्पताल समिति की सदस्य और आम आदमी पार्टी की पार्षद रचना हिरपरा ने कहा, “मैं और पार्षद महेश अणघण स्मीमेर अस्पताल में रक्तदान करने गए थे क्योंकि इन दिनों स्मीमेर अस्पताल में रक्त की आवश्यकता है.” तभी हमने एक दुखद दृश्य देखा. एक मरीज हाथ में बोतल चढ़ते हुए भी इस बोतल को लेकर यूरिन का सैंपल देने जा रहा था. इन दृश्यों को देखने के बाद मरीज को रोका गया और पूछा गया तो उसने बताया कि जिस वार्ड में मैं भर्ती हूं वहां की नर्स ने मुझसे कहा था कि आपको यह यूरिन सैंपल तुरंत देना होगा. तो वह मरीज तुरंत देने पहुंच गया. लेकिन ऐसे में अगर इस मरीज को कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा. मामले की सूचना आरएमओ कार्यालय को दी गई.
आगे उन्होंने बताया की आरएमओ से पूछा गया कि इस हालत में यह मरीज बाहर कैसे जा सकता है? इस मरीज को अपना ही सैंपल देने के लिए कितना मजबूर किया गया है. आरएमओ की ओर से कहा गया कि ये सारी जिम्मेदारी सिक्योरिटी की है. इसलिए सिक्योरिटी प्रमुख से मिलने सिक्योरिटी कार्यालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि कोई भी मरीज अस्पताल से बाहर न जाए. पार्षद रचना हिरपरा ने कहा अगर ऐसी हालत में मरीज बाहर चले गए और उन्हें कुछ हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा. इसलिए इस मामले में जो भी जिम्मेदार हो, नर्स, वार्डबॉय या डॉक्टर, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले में मेरा कहना है कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.