सूरत के भाजपा विधायक प्रवीण घोघारी ज़मीन घोटाले में फँस गए हैं। गोडादरा में करोड़ों रुपये की ज़मीन के घोटाले में उनके खिलाफ कोर्ट ने आगे की जाँच के आदेश दिए हैं। उन पर फर्जी हस्ताक्षर करके ज़मीन हड़पने का आरोप है। पहले सीआईडी ने विधायक के खिलाफ “सी समरी” दाखिल की थी, जिसके विरोध में शिकायतकर्ता ने कोर्ट में अर्जी दी थी। कोर्ट ने यह अर्जी मंज़ूर कर प्रवीण घोघारी के खिलाफ दोबारा जाँच के आदेश दिए हैं।

सूरत में भाजपा विधायक प्रवीण घोघारी विवादों में आए हैं, क्योंकि उन पर गोडादरा क्षेत्र में स्थित एक ज़मीन में फर्जी हस्ताक्षर कर उसे हड़पने का आरोप है। शिकायतकर्ता ने सीआईडी क्राइम में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन सीआईडी क्राइम के अधिकारियों ने विधायक होने के कारण कोर्ट में “सी समरी” दाखिल की थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कोर्ट में लड़ाई लड़ी और कोर्ट ने विधायक के खिलाफ आगे जाँच करने का आदेश दिया है।अब देखना यह होगा कि सीआईडी क्राइम इस केस में कैसे जाँच करती है, क्योंकि पहले सीआईडी क्राइम ने ही विधायक के खिलाफ “सी समरी” दाखिल की थी। गोडादरा में स्थित करोड़ों रुपये की ज़मीन में फर्जी हस्ताक्षर कर हड़पने का आरोप विधायक पर लगा है। शिकायतकर्ता की अर्जी में पुलिस ने कुछ दस्तावेज़ पेश किए थे और उसके आधार पर जाँच भी की गई थी। शिकायतकर्ता ने 14 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कराया है। सूरत क्राइम ब्रांच अब विधायक समेत अन्य लोगों से पूछताछ कर सकती है और दस्तावेज़ों की पड़ताल भी कर सकती है। इस ज़मीन हड़पने के मामले में हाईकोर्ट ने भी जाँच की मंज़ूरी दे दी है।