ब्यावर शहर में बनने वाला सूचना के अधिकार का संग्रहालय आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेगा-शंकर सिंह।
ब्यावर , 12 अक्टूबर। सूचना के अधिकार की 19वी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज 12 अक्टूबर को ब्यावर में राज्य के सामाजिक कार्यकर्ताओं व वरिष्ठ साथियो की उपस्थिति में सूचना के अधिकार का उत्सव व संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
मजदूर किसान शक्ति संगठन से जुड़ी व सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सिंह ने कहा कि आज भले ही सूचना के अधिकार कानून को लागू हुए 19साल हो गए हो पर इसे लागू करने का संघर्ष कई सालों का है। इस कानून का प्रभाव प्रशसान महसूस करता है। उन्हें इस कानून का भय है क्योंकि आरटीआई के तहत सूचनाएं देनी ही पड़ती है। उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार से आम नागरिक सशक्त हुआ है। सूचना के अधिकार ने आमजन को सवाल पूछने व सत्ताधारियों से जवाब मांगने की ताकत दी है। साथही कहा की सविधान बचेगा तभी देश बचेगा.
कमल कुमार नें बताया की अब तक 100 से अधिक लोगों जो सूचना के अधिकार के कार्यकर्त्ता की हत्याएं हुई है। यह सूचना के अधिकार से भ्रष्टाचार कों उजागर कर रहे थे. हम उन्हें याद करते है और उनके द्वारा चलाई गईं सत्य की लड़ाई जारी रखेंगे।
आयोग के कार्य कों सुधारने की आवश्यकता –
एडवोकेट नीलेश ने बताया की सूचना आयोग में वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त व तीन सूचना आयुक्त है, आयोग में आज करीब 7 हजार अपील लंबित है व 2500अधिक शिकायतो पर सुनवाई चल रहीं है। सूचना के अधिकार का बेहतर क्रियान्वयन के लिए सामाजिक संस्थाओं और आरटीआई आवेदकों के साथ, आयोग का हर 3 माह में एक संवाद की शुरुवात करने की बहुत आवश्यकता है।
बिना मांगे डिजिटल माध्यम से जन सूचना पोर्टल से मिल रहीं है सूचनाएं
राज्य सरकार कानून की धारा 4 के क्रियान्वयन के लिए की है जन सूचना पोर्टल की शुरुवात, पोर्टल पर है। 4 साल में ही जन सूचना पोर्टल के माध्यम से 117 विभाग की 341 सूचनाओं को आम जनता के लिए खोला गया है ।राज्य सरकार के सूचना के अधिकार के ऑनलाइन पोर्टल पर में वर्तमान में 50,000 से अधिक कार्यलयों में ऑनलाइन आवेदन कर नागरिक प्राप्त कर सकते है सूचनाएं।
ब्यावर शहर में सूचना के अधिकार के संग्रहालय की आधारशिला रखने के लिए आ रहे हैं सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश
ब्यावर नगर परिषद नें सर्व सहमति से ब्यावर में सूचना के अधिकार पर म्यूजियम बनाने के लिए जमीन देने का प्रस्ताव पास किया था, जिस पर राजस्थान सरकार नें 1 हेक्टेयर जमीन देने का अनुमोदन किया है। यह पूरे देश के नागरिकों के संघर्ष कों सम्मान देने का प्रयोजन बनेगा. ब्यावर के नागरिकों नें कहा यह हमारी पहचान कों देश मे विख्यात करेगा।
19 व 20 अक्टूबर 2024 कों RTI म्यूजियम आधारशीला रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के पूर्व न्यायधीश ब्यावर पधारेंगे ।
चुनोतियाँ भी है सामने-
डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटक्शन क़ानून
गौरव ने बताया कि सत्ता और समाज में बैठे निजी स्वार्थों ने इस कानून को कमज़ोर करने का लगातार प्रयास किया है। इसमें सबसे बड़ी रूकावट डीपीडीपी एक्ट 2023 है, जो सभी प्रकार की सूचनाओं कों देने से रोक लगता है।यह क़ानून आम नागरिकों की सूचनाओं कों पब्लिक डोमेन मे डालने से रोकने का काम करेंगा . यह क़ानून सरकार कों सभी प्रकार की सूचनाओं कों छुपाके रखने का प्रावधान भी देता है। इसके लागू होने पर वर्तमान मे चल रहे जन सूचना पोर्टल पर भी सूचनाओं कों जनता के लिए खोलना मुश्किल हो जायेगा।
इससे पहले 2017 में केंद्र के BJP शासन ने सूचना के अधिकार कानून को संशोदित कर कमज़ोर किया था । आज भी PM CARES में गोपनीयता लाते हुए केंद्रीय सरकार ने RTI व लोकतंत्र कमज़ोर किया है। राज्यों और आयोगों ने भी इस कानून को बहुत ढिलाई से लागू कर अपना कानूनी दायित्व नहीं निभाया है।
गोष्ठी में लोगों की रहीं इन मुद्दों पर सहमति –
1 राजस्थान के सभी जिलों मे डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटक्शन क़ानून के दुष्परिणाम के बारे लोगों कों जागरूक करेंगे.
2 ब्यावर मे सूचना के अधिकार संग्रहालय कों बनाने के लिए सभी पक्षो सहयोग लेगे.
3 पूरे देश मे, सूचना के अधिकार के संग्रहालय कों बनाने के लिए वित्तीय सहयोग लेने की मुहीम चलाएंगे।
4 डजिटल संवाद के माध्यम से जन सूचना पोर्टल, पारदर्शिता बोर्ड, और स्वतः प्रकटीकरण के विभिन्न उपायों को मजबूत करके हुए आरटीआई अधिनियम की धारा 4 को उसकी वास्तविक भावना में लागू करवाना।
5 सूचना मांगने वाले पर हमला होता है तो उसे विशेष सहायता प्रदान करवाना और सामूहिक जिम्मेदारी से उस मुद्दे को उजागर करने का प्रयास करना।साथ ही विसल ब्लोवर एक्ट के नियमों कों केंद्र सरकार से लागू करवाएंगे।
6 एक प्रभावी सामाजिक जवाबदेही कानून पारित करे इस हेतु जन आंदोलन करेंगे।
ब्यावर के चांगगेट पर सूचना के अधिकार का उत्सव मनाया जिसमे खजाना नाटक के प्रस्तुति की. नाटक के माध्यम से यह बताया गया कि देश के खजाने को कुछ लोग ही लूट रहे हैं इस पर निगरानी रखना बहुत जरुरी है. कार्यक्रम में शहर के सैकड़ो नागरिकों व सामाजिक कार्यकर्त्ता नें कार्यक्रम मे भाग लिया। NLS बेंगलोर के पब्लिक पॉलिसी व आसाम की डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी से MSW के विधार्थियो नें सक्रिय भागीदारी निभाई।
कार्यक्रम कों बालू जी, भगवान सिंह, लक्ष्मी रवात, कोमल, रिज़वान, नचिकेत, मुकेश, उमा, श्रिया,कनिका,नीरज, शंकर सिंह, गौरव, रामनिवास नें सम्बोधित किया।