सूरत के कतारगाम विधानसभा के विधायक विनु मोरडिया ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि सूरत नगर निगम, जो टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से करोड़ों रुपये की आय प्राप्त कर रहा है, उसमें अधिकारियों द्वारा गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से मांग की है कि इस मामले की जांच के लिए सतर्कता विभाग को निर्देशित किया जाए और सिटी इंजीनियर अक्षय पंड्या की भूमिका की भी जांच की जाए।
हजीरा स्थित उद्योगों को शुद्ध पानी देने के लिए टेंडर प्रक्रिया चलाई गई थी, जिसमें निगम को भारी नुकसान होने की संभावना कमिश्नर को दिखाई दी। इसके चलते केतन पटेल के खिलाफ तो कार्रवाई की गई, लेकिन विभागाध्यक्ष सिटी इंजीनियर अक्षय पंड्या के खिलाफ अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। विधायक का कहना है कि विभागाध्यक्ष की मंजूरी के बिना इस तरह का कार्य संभव नहीं है, फिर भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई न किए जाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
अक्षय पंड्या ने अपने ही विभाग की टेंडर प्रक्रिया में सलाहकार की नियुक्ति, उद्योगों को पानी देने की दरें और शर्तें तय करने तथा संचालन और रखरखाव के कार्यों के संबंध में निर्णय लिए, जिससे सूरत नगर निगम को आर्थिक नुकसान होने की पूरी संभावना है। इन सभी फैसलों में अक्षय पंड्या की भी स्वाभाविक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके बावजूद, उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
अधिकारियों ने ऐसा खेल रचा कि जिसके कारण निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की स्थिति बन गई है। यह मानने का कोई आधार नहीं है कि यह कार्य अक्षय पंड्या की जानकारी के बिना हुआ होगा। विधायक विनु मोरडिया ने अब इंचार्ज एडिशनल सिटी इंजीनियर केतन देसाई के साथ नगर निगम के सिटी इंजीनियर अक्षय पंड्या की भूमिका की भी जांच करने और उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। इस प्रोजेक्ट का बजट स्वीकृत हुआ था, तो स्वाभाविक रूप से विभागाध्यक्ष अक्षय पंड्या की भी मंजूरी ली गई होगी। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उन्हें बचाया जा रहा है। निगम में अक्षय पंड्या की भूमिका चर्चा का विषय बनी हुई है।