महीने की कमाई ₹1.36 करोड़, पकड़ में आया SHO तो खुला चौंकाने वाला राज
राजस्भथान: भरतपुर महिला थाने में भ्रष्टाचार का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एसीबी की छापेमारी में थानाधिकारी के चैंबर और सरकारी आवास से 5.71 लाख रुपए की संदिग्ध नकदी बरामद हुई है। नोटों के बंडल पर केस नंबर और राशि लिखी होने से रिश्वतखोरी का संदेह गहरा गया है।
महिला थाने में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने मंगलवार शाम को बड़ी कार्रवाई करते हुए थाने और थाना प्रभारी के आवास से कुल 5 लाख 71 हजार 700 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं। तलाशी के दौरान थाने की अलमारियों से करीब 15 लिफाफे बरामद किए गए, जिन पर विभिन्न मुकदमों के नंबर दर्ज थे। इन लिफाफों में कुल रकम 4.54 लाख होना बताई जा रही है। यह छापेमारी एडिशनल एसपी अमित सिंह चौधरी के नेतृत्व में की गई। जिसमें थाने में संदिग्ध रकम मिलने की सूचना पर यह कदम उठाया गया।
जानकारी के अनुसार एसीबी की टीम को मंगलवार को थाने में रखे हुए लिफाफों में अवैध राशि होने की गुप्त सूचना मिली थी। टीम के थाने पहुंचते ही पुलिसकर्मियों में अफरातफरी मच गई। एसीबी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी भंवर सिंह और उनके रीडर जय सिंह से पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ में दोनों का जवाब संतोषप्रद नहीं रहा। थाना प्रभारी भंवर सिंह 2025 के मार्च महीने में सेवानिवृत होने वाले है। प्राथमिक जांच में इस रकम के स्रोत पर संदेह व्यक्त किया गया है। एडिशनल एसपी अमित सिंह चौधरी ने बताया कि बरामद रकम की पूरी जानकारी और इसके संबंध में विस्तृत जांच की जा रही है। एसीबी का यह कदम पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में इस मामले में और भी जांच और पूछताछ की जाएगी ताकि भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचा जा सके।
किसी व्यक्ति के साथ जब अन्याय होता है तो वे कानून का सहारा लेकर न्याय पाने के लिए संघर्ष करता है। कानून प्रक्रिया से न्याय पाने के लिए उसे पुलिस के पास जाना पड़ता है। सोचिए कानून के रखवाले ही अगर दलाली शुरू कर दे पीड़ित लोगों को न्याय कैसे मिलेगा! राजस्थान के भरतपुर जिले में पुलिस अफसरों के भ्रष्ट होने का अजीब नमूना सामने आया है। भरतपुर के महिला थाने में और थाना अधिकारी के सरकारी आवास में नोटों के बंडल मिले हैं। गोपनीय शिकायत मिलने पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने मंगलवार 12 नवंबर को महिला थाने में दबिश दी। साथ ही थाना प्रभारी के आवास की भी तलाशी ली जहां ₹5.71 लाख रुपए की नकदी मिली।
महिला थाने की खुली पोल, नोटों के बंडल लिखे थे केस नंबर
एसीबी के डीजी रवि मेहरड़ा ने बताया कि सूचना मिलने के बाद एसीबी टीम ने भरतपुर के महिला थाने में दबिश दी। थानाधिकारी के चैंबर के पास जहां उनका रीडर बैठता है। वहां दराज में नोटों से भरे बंडल मिले। इन बंडल पर केस नंबर और राशि लिखी हुई थी। इससे यह प्रतीत होता है कि किस केस में कितने रुपए लिए गए, यही राशि लिखी होगी। अलग अलग बंडलों में कुल 4.70 लाख रुपए भरे हुए थे। रीडर के कक्ष से नोटों के बंडल मिलने के बाद एसीबी ने थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर भंवर सिंह के सरकारी आवास पर भी तलाशी ली। आवास पर भी नोटों के बंडल मिले जिनमें कुल 1.17 लाख रुपए भरे हुए थे।
- भरतपुर के महिला थाने में एसीबी की दबिश
- 5.71 लाख रुपए की नकदी बरामद की
- नोटों के बंडलों पर केस नंबर और राशि लिखी थी
- महिला थाने में महीने की काली कमाई ₹1.36 करोड़
महीने की वसूली 1.36 करोड़ रुपए
मंगलवार 12 नवंबर को जो नकदी एसीबी ने महिला थाने से जब्त की। वह राशि मंगलवार को ही थाने में लाई गई थी। एक ही दिन में 4.54 लाख रुपए थाने पर पहुंचने के हिसाब से अगर एक महीने का हिसाब जोड़ा जाए तो 1.36 करोड़ रुपए होते हैं। यानी भरतपुर के महिला थाने में एक महीने की 1.36 करोड़ रुपए की काली कमाई की जा ही थी। हैरानी की बात यह भी है कि एसीबी ने रीडर जयसिंह और एसएचओ भंवर सिंह के निजी आवास की तलाशी नहीं ली। अगर वहां तलाशी ली जाती तो और भी संदिग्ध नकदी मिल सकती थी।
पुलिस थाने और सरकारी आवास में संदिग्ध नकदी मिलने पर एसीबी की टीम ने सब इंस्पेक्टर भंवर सिंह और उनके रीडर जयसिंह को हिरासत में लिया। पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय ले गए। पूछताछ में दोनों ने इस नकदी के संबंध में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही जबकि नकदी पुलिस थाने की अलमारी में रखी हुई मिली थी जहां अलग अलग केस की फाइलें रखी हुई थी। जानकारी में आया है कि सब इंस्पेक्टर भंवर सिंह अगले साल मार्च में सेवानिवृत्त होने वाला है। नौकरी से विदाई से पहले वे मोटी कमाई में लगे थे। फिलहाल एसीबी के एडिशनल एसपी अमित सिंह चौधरी उनसे पूछताछ कर रहे हैं।
महिला आयाेग की अध्यक्ष ने कहा था- प्रदेश में सबसे बुरे हैं भरतपुर महिला थाने के हालात
16 अक्टूबर को भरतपुर आईं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने भरतपुर के महिला थाने की हालत प्रदेश में सबसे खराब बताई थी। थाने की बिल्डिंग जर्जर है, शौचालय गंदा है, उसमें पानी नहीं आता है, दरवाजा भी नहीं है। इसके अलावा महिला थानेदार और स्टाफ भी नहीं है। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के गृह जिले में महिला थाने की बुरी हालत है। थाने में महिला थानेदार समेत अन्य महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती होनी चाहिए। ताकि महिला फरियादी अपनी समस्या को बता सकें। अध्यक्ष ने कहा कि आयोग में सबसे ज्यादा शिकायतें भरतपुर और अलवर की महिलाओं की पहुंचती हैं।