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सूरत में नकली वीज़ा फैक्ट्री का पर्दाफाश फर्जी वीज़ा केस में ज़मानत पर

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10 साल में बनाए 700 फर्जी स्टिकर, एक स्टिकर के 15,000 लेता, कई लोग विदेश भी गए

सूरत में PCB और SOG की संयुक्त कार्रवाई में अडाजन इलाके से प्रतीक शाह नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर नकली वीज़ा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया है। इस फैक्ट्री से यूके, कनाडा, मेसिडोनिया, सर्बिया, चेकोस्लोवाकिया और यूरोप के देशों के नकली वीज़ा स्टिकर मिले हैं। पुलिस को उसके पास से 5 वीज़ा स्टिकर मिले। जांच में सामने आया कि प्रतीक शाह ये नकली वीज़ा स्टिकर दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हरियाणा के एजेंटों को बेचता था।आरोपी प्रतीक शाह के खिलाफ पहले भी मामले दर्ज हैं और 2017 से अब तक उस पर कुल 12 मामले दर्ज हो चुके हैं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने 10 साल में लगभग 700 नकली स्टिकर बनाए। वह एक स्टिकर बनाने के 15,000 रुपये लेता था। इन नकली स्टिकरों के आधार पर कुछ लोग विदेश भी चले गए थे।

पहले भी पकड़ा गया था, ज़मानत के बाद फिर शुरू किया धंधा

सूरत में फर्जी वीज़ा रैकेट का खुलासा एक साल पहले दिल्ली पुलिस ने किया था। उस समय भी मुख्य आरोपी प्रतीक शाह गिरफ्तार हुआ था, लेकिन वह 6 महीने पहले ही ज़मानत पर बाहर आ गया। ज़मानत मिलने के बाद उसने फिर से अपने घर पर आधुनिक मशीनरी लगाकर नकली वीज़ा फैक्ट्री शुरू कर दी।

700 नकली स्टिकर, एक स्टिकर बनाने में लगता था 7 दिन

पुलिस को शक है कि आरोपी ने 10 वर्षों में करीब 700 फर्जी स्टिकर बनाए हैं। इन स्टिकरों के सहारे कई लोग विदेश जा चुके हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। इस मामले में 6 एजेंटों को भी वॉन्टेड घोषित किया गया है। पुलिस जांच के अनुसार, आरोपी बेहद बारीकी से काम करता था और एक स्टिकर बनाने में उसे 7 दिन लगते थे। वह इन्हें कूरियर से एजेंटों तक पहुंचाता था।

छापेमारी में मिला सामान

पुलिस ने झघड़िया चौकड़ी के पास एक इमारत के फ्लैट में छापा मारकर प्रतीक को गिरफ्तार किया। मौके से लैपटॉप, विभिन्न देशों के वीज़ा स्टिकर और अन्य सामग्री मिलाकर कुल 1.30 लाख रुपये का माल जब्त किया गया। लैपटॉप में वीज़ा स्टिकरों की फाइलें एडिट होती मिलीं।

एजेंटों का नेटवर्क

प्रतीक से पूछताछ में सामने आया कि आनंद निवासी केतन दीपक सरवैया, थाईलैंड (बैंकॉक) निवासी हर्ष, दिल्ली निवासी परम्‍जीत सिंह, दिल्ली निवासी अफलाक और सचिन शाह नामक लोग एजेंट के रूप में काम करते थे। ये लोग ग्राहकों से मोटी रकम लेकर फर्जी वीज़ा दिलाने का वादा करते थे। प्रतीक एक स्टिकर बनाने के 15,000 रुपये लेता था।

SOG और PCB का संयुक्त ऑपरेशन

सूरत SOG और PCB की टीमों ने रांदेर इलाके में अंतरराष्ट्रीय वीज़ा रैकेट का पर्दाफाश कर प्रतीक उर्फ अभिजीत निलेश शाह नामक आदतन अपराधी को रंगेहाथ गिरफ्तार किया। यह आरोपी यूके, कनाडा, यूरोप, सर्बिया और मेसिडोनिया जैसे देशों के डुप्लीकेट वीज़ा बनाता था। SOG PI ए.पी. चौधरी और PCB PI आर.एस. सुवेरा को मिली पुख्ता जानकारी के आधार पर पुलिस ने रांदेर के समोर रेजिडेंसी, फ्लैट नंबर 202, श्रीजीनगरी सोसाइटी, झघड़िया चौकड़ी पर आधी रात को छापा मारा और आरोपी को रंगेहाथ पकड़ लिया।

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