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बिहार पंचमी: निधिवन में गूंजे जयकारे, धूमधाम के साथ श्रीबांकेबिहारी लाल का मनाया गया प्राकट्योत्सव

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वृंदावन में बांकेबिहारी का प्राकट्योत्सव
– फोटो : अमर उजाला

संगीत सम्राट स्वामी हरिदासजी के लाडले ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज के प्राकट्योत्सव पर तीर्थनगरी वृंदावन में उल्लास, उमंग की अमृतमयी वर्षा हुई। बांकेबिहारी की प्राकट्य स्थली निधिवनराज मंदिर में धार्मिक कार्यक्रमों के साथ ठाकुरजी के जयकारे गूंजे। इस दौरान माई री सहज जोरी प्रकट भई… आदि मंगल बधाई गाई गई। बिहार पंचमी पर अल सुबह से ही वृंदावन के कण-कण में ठाकुर श्रीबांकेबिहारी के जयकारे अनुगुंजित हो रहे थे। निधिवनराज मंदिर स्थित ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज की प्राकट्य स्थली में धार्मिक अनुष्ठान प्रारंभ हो गए। सुबह 5 बजे सेवायत भीकचंद गोस्वामी, बच्चू गोस्वामी और रोहित गोस्वामी सहित श्रद्धालुओं ने पीत वस्त्र पहन रखे थे। यहां वैदिक ऋचाओं के बीच दुग्ध, दही, शर्करा, मधु, घी, गंगाजल और यमुना जल आदि से ठाकुरजी की प्राकट्य स्थली का अभिषेक कर सुगंधित इत्रों से मालिश की। इस दिव्य क्षण में निधिवनराज स्वामी हरिदासजी और उनके आराध्य बांकेबिहारी के गगनभेदी जयकारों से गुंजायमान हो रहा था। मंदिर में मंगल समाज व बधाई गायन ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। हर कोई दर्शन को लालायित दिखा। 

निधिवनराज मंदिर में की सजावट
– फोटो : अमर उजाला

गोस्वामीजन और भक्तगण माई री सहज जोरी प्रकट भई, रंग की गौर श्यामघन दामिनी जैसं, प्रथममहु हुती अवहूं आगहूं रहिहें न टरिहें तैसे, अंग अंग की उजराई, सुधराई, चतुराई, सुंदरता ऐसें, श्री हरिदास के स्वामी श्यामा कुंज बिहारी सम बैस वेंसे।। मंगल बधाई गान पर थिरक रहे थे। हर कोई बांकेबिहारी की प्राकट्य स्थली के दर्शनों को आतुर दिखा। सायंकालीन बेला में बधाई गायन स्वामी श्रीहरिदास जी की महाआरती का आयोजन किया गया। 

मथुरा: निधिवन में हुआ जलाभिषेक
– फोटो : अमर उजाला

चांदी के रथ में विराजमान होकर आराध्य को बधाई देने निकले स्वामी हरिदास 

बांकेबिहारी महाराज के प्राकट्य महोत्सव पर बुधवार की सुबह 8:30 बजे से श्रीनिधिवनराज मंदिर से बधाई शोभायात्रा निकाली गई। सुबह कुंज बिहारी श्री हरिदास के जयकारों के बीच स्वामी हरिदास के चित्रपट को सेवायतों द्वारा चांदी के रथ में विराजमान किया गया। इसके बाद शोभायात्रा निधिवनराज से शुरू होकर नगरवासियों को ठाकुर बांकेबिहारी महाराज के प्राकट्योत्सव की बधाई देने निकली। 

निधिवन में जलाभिषेक
– फोटो : अमर उजाला

शोभायात्रा में सबसे आगे भगवान गणेश, राधाकृष्ण के साथ-साथ बांकेबिहारी महाराज की मनोरम झांकी थी। चांदी के रथ में संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदासजी अपने आराध्य ठाकुर बांकेबिहारीजी को गोद में लिए विराजमान थे। शोभायात्रा में ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के सेवायतों के साथ संतगण अपने अखाड़ों के चिह्न लेकर चल रहे थे। भक्तों की मंडली नृत्य एवं कीर्तन करते चल रहीं थीं। जगह-जगह शोभायात्रा का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। दोपहर लगभग पौने एक बजे के बाद शोभायात्रा के बांकेबिहारी मंदिर पहुंचने पर सेवायतों गोस्वामी स्वामी के चित्रपट को हाथों में लेकर मंदिर के गर्भगृह में ठाकुर बांकेबिहारी के श्री विग्रह के पास विराजमान किया। यहां ठाकुरजी के समक्ष केशर भात, दूधभात, चंद्रकला, केशर हलुआ आदि व्यंजन निवेदित किए। इसके बाद ठाकुर बांकेबिहारी महाराज की आरती हुई। बांकेबिहारी मंदिर को पीले फूलों और गुब्बारों से सजाया गया। आराध्य के दर्शनों के लिए मंदिर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी।

निधिवन और पीतवस्त्र
– फोटो : अमर उजाला

आकर्षण का केंद्र रही मंडलियां

जन-जन के आराध्य ठाकुर बांकेबिहारी का प्राकट्य महोत्सव पर बांकेबिहारी मंदिर के प्रमुख गेट से लेकर मंदिर प्रांगण को पीले गुब्बारों से सजाया गया। मंदिर में गुलाब, हिना और केसर के इत्र का छिड़काव किया गया। मंदिर सेवायतों द्वारा सुबह सात बजे घी, शहद, बूरा, दूध और दही और गुलाब जल से ठाकुरजी बांकेबिहारी का अभिषेक कराया गया। इसके बाद ठाकुर बांकेबिहारी महाराज को पीले रंग की स्वर्णरजत पोशाक धारण कराई गई। विशेष पोशाक में ठाकुरजी की बांकी छवि को उनके भक्त अपलक निहारते रहे। इसके बाद भक्तों में भक्तों को पंचामृत बांटा गया। 

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