न्यूज डेस्क, अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ
Published by: Dimple Sirohi
Updated Thu, 09 Dec 2021 12:30 PM IST
सार
रक्षा मंत्रालय ने 84 साल पुराने भूमि प्रशासन नियम 1937 को संशोधित किया है। नए भूमि प्रशासन नियम 2021 के तहत कैंट क्षेत्र की भूमि को लीज पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। ऐसी भूमि पर फसल उगाई जा सकेगी।
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रक्षा मंत्रालय ने 84 साल पुराने भूमि प्रशासन नियम 1937 को संशोधित करते हुए भूमि प्रशासन नियम 2021 की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे सैन्य क्षेत्र में खाली पड़ी भूमि को कृषि के लिए लीज पर दिया जा सकेगा वहीं, छावनी में खाली पड़ी सार्वजनिक जमीन को सार्वजनिक कार्यों के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा। वहीं, लीज रिन्युअल पर नए कानून के तहत विधि विशेषज्ञों के मुताबिक छावनी की जनता पर ज्यादा भार पड़ेगा।
विधि विशेषज्ञों के मुताबिक पहले भूमि प्रशासन नियम में 90 और 99 साल की लीज पर दी गई जिन भूमि की अवधि पूरी हो गई हैं, उनको अब अलग से नई लीज दी जाएगी। केंद्र सरकार लीज को लेकर अलग नीति बनाएगी। इसमें ये भी शर्त होगी कि लीज रेंट जो होगा, वह एसटीआर यानी किराए की मानक तालिका के आधार पर निर्धारित होगा।
एसटीआर के हिसाब से किसी जगह का जितना सालाना किराया है तो अब उसका किराया सौ गुना तक बढ़ जाएगा। इससे बड़े बंगलों में रहने वालों पर फर्क पड़ेगा। कैंट में सार्वजनिक भूमि को सार्वजनिक कार्य जैसे कोई विकास कार्य, मोबाइल टावर, पेट्रोल पंप आदि के लिए लीज पर दिया जा सकेगा।
वहीं, सेना की जो खाली जमीन ए-टू लैंड है। पांच साल तक ऐसी जमीन की लीज रक्षा संपदा अधिकारी खेतीबाड़ी के लिए अस्थायी रूप से लीज द्वारा दे सकते हैं, इसके लिए स्टेशन कमांडर से एनओसी लेनी पड़ेगी। भूमि पंजीका को भी हस्तलिखित की जगह डिजिटलाइज्ड कर दिया गया है। अब कोई भी इसका प्रिंट निकाल सकता है।
फ्री होल्ड भूमि का मैनेजमेंट डीईओ के पास फ्री होल्ड की जो भूमि सिविल एरिया में हो जाती थी, उसकी कोई कैटेगिरी नहीं रहती थी। वह प्राइवेट प्रॉपर्टी मानी जाती थी। अब ऐसी प्रॉपर्टी को बी-3ए की कैटेगिरी दी गई है। इसका प्रबंधन कैंट बोर्ड से हटाकर रक्षा संपदा अधिकारी के पास चला जाएगा।
भूमि प्रशासन नियम 2021 को केंद्र सरकार ने अत्यधिक सुगम बनाया है। छावनी के लोगों को इनका लाभ मिलेगा। – हरेंद्र सिंह, डीईओ
विस्तार
रक्षा मंत्रालय ने 84 साल पुराने भूमि प्रशासन नियम 1937 को संशोधित करते हुए भूमि प्रशासन नियम 2021 की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे सैन्य क्षेत्र में खाली पड़ी भूमि को कृषि के लिए लीज पर दिया जा सकेगा वहीं, छावनी में खाली पड़ी सार्वजनिक जमीन को सार्वजनिक कार्यों के लिए भी उपयोग किया जा सकेगा। वहीं, लीज रिन्युअल पर नए कानून के तहत विधि विशेषज्ञों के मुताबिक छावनी की जनता पर ज्यादा भार पड़ेगा।
विधि विशेषज्ञों के मुताबिक पहले भूमि प्रशासन नियम में 90 और 99 साल की लीज पर दी गई जिन भूमि की अवधि पूरी हो गई हैं, उनको अब अलग से नई लीज दी जाएगी। केंद्र सरकार लीज को लेकर अलग नीति बनाएगी। इसमें ये भी शर्त होगी कि लीज रेंट जो होगा, वह एसटीआर यानी किराए की मानक तालिका के आधार पर निर्धारित होगा।