अहमदाबाद (एजेंसी)| गुजरात कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल को पत्र लिखकर राज्य में संशोधन करने वाले पीएचडी स्कोलर्स – फेलोशिप पाने वाले संशोधनकर्ताओं को दी जानेवाली फेलोशिप की समयसीमा बढ़ाने की मांग की है| ताकि विद्यार्थियों के परिवार पर शिक्षा का खर्च कम करने में मददगार हो सके| प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि गुजरात में उच्च संशोधन के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप गुजरात सरकार की ओर से शुरू की गई है|स्कीम ऑफ डेवलोपिंग हाई रिसर्च (एचएसडीएच-शोध) योजना के अंतर्गत संबंधित पीएचडीकर्ता स्कोलर्स को दो वर्ष के लिए वित्तीय सहायता का प्रावधान है, जो संशोधनकर्ता के लिए काफी उपयोगी और राहत रूप है|
कोरोनाकाल के दौरान आर्थिक संकट में फेलोशिप मददगार साबित हुई, परंतु संशोधन कार्य पूर्ण करने संभव नहीं हुआ, जिससे तीसरे वर्ष में संशोधन का अधिक बोझ और अंतिम वर्ष में डेटा एनालिसिस खर्च, महंगे कैमिकल्स, पेपरवर्क, फिल्ड वर्क, सॉफ्टवेयर एक्सेस, तालीम खर्च, सेमिनार, कोन्फरन्स, थीसिस कार्य और रहने-खाने का खर्च अधिक होने से आर्थिक सहायता की विशेष आवश्यकता है| मनीष दोशी ने कहा कि यूजीसी के नियम के मुताबिक पीएचडी की न्यूनतम समयसीमा तीन वर्ष और ज्यादा से ज्यादा छह साल होती है| राज्य सरकार द्वारा संशोधनकर्ताओं को 2 वर्ष के लिए शोध फेलोशिप दी जाती है| वर्ष 2019 के पहले चरण के लाभार्थी संशोधनकर्ताओं की फेलोशिप दिसंबर 2021 में पूर्ण हो जाएगी| यूजीसी, आईसीपीआर, सीएसआईआर जैसे अन्य संस्थाओं की फेलोशिप तीन वर्ष से पांच वर्ष के लिए दी जाती है|
गुजरात के संशोधनकर्ता-संशोधनकर्ता विद्यार्थियों को तीसरे वर्ष मंि शोध फेलोशिप सीनियर फेलोशिप में रूपातंरित कर समयसीमा बढ़ा दी जाए ताकि रिसर्च स्कोलर्स उत्तम स्तर का पीएचडी कार्य कुशलता से पूर्ण कर सके और उनके योगदान से राज्य में उच्च संशोधन एवं संशोधन गतिविधियों को गति मिल सके| मनीष दोशी ने कहा कि फूल टाइम पीएचडीकर्ता स्कोलर्स विद्यार्थी नौकरी या अन्य आय के स्रोत नहीं होने से आर्थिक सहायता परिवार पर विद्यार्थी की पढ़ाई खर्च का बोझ घटाने में मददगार साबित होगी|