वैदिक परंपरा के अनुसार गाय के गोबर से बनी गोबरस्टिक की मदद से वैदिक होली जलाने के संकल्प में इस वर्ष सैकड़ों नागरिक शामिल हुए हैं। जबकि कतारगाम स्वामीनारायण गुरुकुल में गुटखा सिगरेट तंबाकू जलाकर अनोखी होली का आयोजन किया गया था। साथ ही बच्चों और उनके माता-पिता के लिए विशेष रूप से होली का आयोजन नशामुक्ति और कैंसर मुक्त समाज के निर्माण के संदेश के साथ किया गया था। गुरुकुल के प्रभु स्वामी ने कहा कि सूरत में युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय बन गई है। जागरूकता अभियानों पर सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है। फिर भी युवा इस दलदल में दिन-ब-दिन फंसते जा रहे हैं आंकड़े भी यह कह रहे हैं। गुरुकुल स्कूल में हजारों छात्र पढ़ते हैं। सबका एक ही संकल्प है। हम सूरत ही नहीं बल्कि पूरे देश को नशा मुक्त बनाने के लिए काम करेंगे।