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उत्तर प्रदेश के झांसी में नौकरी दिलाने के नाम पर एक करोड़ की ठगी

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क्रांति समय

उत्तर प्रदेश के झांसी में वन विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर तत्कालीन एसआई पर एक करोड़ रुपए की ठगी का आरोप लगा है। आरोप है कि 2016 में झांसी के तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक के बंगले पर डीलिंग हुई थी। इसके बाद तत्कालीन एसआई द्वारा 3 बेटों और दो रिश्तेदारों को फर्जी जॉइन लेटर दिए गए थे। 4 साल बाद वेतन के चेक मिलने पर रकम प्राप्त करने के लिए चेक बैंक में लगाए गए तब पता चला की यह फर्जीवाड़ा है। पीड़ित ने नबाबाद थाने में ठगी की FIR दर्ज कराई। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है।

झांसी के संगम विहार कॉलोनी निवासी सैयद वाहिद अली ने बताया कि वह यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत थे और जालौन में तैनात थे। 2015 में सरकारी काम से आजमगढ़ गए थे। तब आजमगढ़ के भवतर गांव निवासी ज्ञानेश्वर उपाध्याय से जान पहचान हो गई थी। ज्ञानेश्वर पर आरोप है कि बेटों और रिश्तेदारों को आजमगढ़ वन विभाग में वन दरोगा, वन रक्षक और लिपिक की नौकरी लगवाने का झांसा दिया था। शैक्षिक दस्तावेजों के साथ झांसी में मुख्य वन संरक्षक को बंगले पर बुलाया गया था। 9 अक्टूबर 2016 को सैयद वाहिद अली अपने 3 बेटों शाहनवाज अली, मोहसिन अली, इमरानी अली, साले के बेटे अफसार अली और बहन के बेटे जमीलउद्दीन को लेकर मुख्य वन संरक्षक के बंगले पर पहुंचा था। आरोप है कि शाहनवाज, मोहसिन और वन दरोगा ने इमरान को वन लिपिक, अफसार और जमीलद्दीन को वन रक्षक की नौकरी दिलाने के एवज में 20-20 लाख रुपए पर डीलिंग हुई थी। सभी ने शैक्षिक दस्तावेज और 20 लाख कैश दिए थे। ज्ञानेश्वर ने एक महीने में जॉइनिंग कराने का भरोसा दिया था ।

13 नवंबर 2016 को ज्ञानेश्वर आजमगढ़ के तत्कालीन वन अधिकारी शेष नारायण मिश्र के साथ झांसी पहुंचे थे। वहां शाहनवाज अली, मोहसिन और इमरान के जॉइनिंग लेटर दे दिए थे। बाद में अफसार और जमीलउद्दीन के जॉइनिंग लेटर दिए गए थे। अगल-अलग तारीख में कुल 99.20 लाख रुपए ले लिए थे। फर्जी पोस्टिंग और ट्रेनिंग लेटर भी दे दिए गए थे। कहा कि घर बैठे वेतन मिलता रहेगा। 2020 में मिले वेतन के चेक को बैंक में लगाए तो वे चेक बाउंस हो गए था। वाहिद अली ने बताया कि जांच में जॉइनिंग लेटर, ट्रेनिंग लेटर और अन्य डाक्यूमेंट्स फर्जी निकले। ठगी का पता चलने पर पुलिस को शिकायत की गई, लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ था। अब उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर ज्ञानेश्वर, शेषनारायण, आजमगढ़ के तत्कालीन वन अधिकारी रमेश चंद्र झा, संजय सिंह और अनीस अंसारी पर आईपीसी की धारा 419, 420, 465, 467, 471, 406 व 120बी के तहत केस दर्ज कराया है। वाहिद अली 2019 में रिटायर हो गए थे।

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