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मनपा और सरकारी अनुदानित राशि लेने वाले सुरत मनपा भष्टाचार की परिभाषित होने से क्या हुआ यह निर्णय गुजरात नगर वित्त बोर्ड ने लिया

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सुरत,सरकार ने लोक निधि प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से 15वें वित्त आयोग के अनुदान से ठेकेदारों को सीधे भुगतान करने का निर्णय लिया है। निगम अब तक अपने खर्चे और परियोजना भुगतान अपने ही कोष से करता रहा है, लेकिन नगर वित्त बोर्ड ने पुरानी प्रथा के अनुसार खर्च पर रोक लगाने का सर्कुलर जारी किया है. साथ ही यह आदेश भी जारी किया है कि अनुदान का उपयोग गाइडलाइन के अनुसार किया जाए और 1 अप्रैल के बाद यदि पुरानी प्रथा के अनुसार खर्च किया जाता है, तो दायित्व संबंधित प्राधिकारी के पास रहेगा।
 जिससे भष्टाचार की होने की आशंकाएं नही रहीगी, कार्य होने के बाद ही संबंधित कोंट्राक्टर को पेमेन्ट सीधा उसके खाते में ही ट्रान्सफ़ॉर्मर कर दिया जायेगा.
                                     इस सर्कुलर के बाद निगम के सामने वित्तीय तरलता का बड़ा सवाल 
 
अधिकारियों ने कहा कि भले ही नगर पालिका को पिछले दो वर्षों से अभी तक करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान नहीं मिला है, लेकिन इस तरह के आदेश से जल निकासी, हाइड्रोलिक, उद्यान, तापी शुद्धि, पीएम आवास सहित परियोजनाओं पर भष्टाचार पर ब्रेक लग जाएगा।जिससे सरकार की पारदर्शिता जनता के सामने होगी.

यह आदेश
 वित्त बोर्ड का है।गुजरात नगर वित्त बोर्ड के अतिरिक्त आयुक्त म्युनिसिपल  प्रशासन के सर्कुलर के अनुसार 15वें वित्त आयोग योजना के अनुदान का उपयोग पीएफएमएस के तहत आवंटित या आवंटित 1 अप्रैल 2022 से जारी गाइडलाइन के अनुसार ही किया जाएगा. पिछली प्रथा के अनुसार कोई व्यय नहीं किया जा सकता है, यदि 1-4-22 के बाद पुरानी प्रथा के अनुसार कोई व्यय किया जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी पदाधिकारी की होगी।

पुरानी व्यवस्था से भुगतान की उलझन सरकारी अनुदान बहुत देर से आता है इसलिए भुगतान ठेकेदारों को पुरानी व्यवस्था के अनुसार किया गया है, परियोजना के पूरा होने पर नगरपालिका को भुगतान करना पड़ता है, अब सरकार ने ठेकेदारों को 15 वें वित्त के अनुदान से सीधे भुगतान करने का निर्णय लिया है. लोक निधि प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से आयोग। उस समय अधिकारी कह रहे हैं कि पुरानी प्रथा के अनुसार किए गए भुगतान को लेकर निगम असमंजस में है.   
यह तरह की जानकारी सूत्र अनुसार विभाग में से मिल रही हैं जो आने वाले समय में किस प्रकार की फेरबदल किया जायेगा यह तो समय ही बताएँगा. 
अलग-अलग योजनाओं के तहत मिलने वाले फंड जिसमें गुजरात म्युनिसिपल फाईनान्स बोर्ड के द्वारा अलग -अलग राशि प्रदान किया जाता है

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