Home उत्तर प्रदेश भीषण गर्मी में चिकित्सालय में भर्ती मरीज बेहाल

भीषण गर्मी में चिकित्सालय में भर्ती मरीज बेहाल

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जिला चिकित्सालय में हाथ के पंखे का सहारा तो सीएचसी में मोबाइल टॉर्च के सहारे किया जा रहा है इलाज

ललितपुर,योगी सरकार-दो अपने किए हुए वादों पर खरी उतरती नजर नहीं आ रही है जबकि दूसरी पारी खेलने से पहले योगी सरकार ने प्रदेश को 18 से 24 घंटे पर्याप्त विद्युत व्यवस्था देने का वादा प्रदेश के आम जनता से किया था लेकिन उनके ऐसे सभी दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। सूबे की विद्युत व्यवस्था ध्वस्त बनी हुई है लगातार विद्युत की कटौती जारी है जिससे प्रदेशवासियों के साथ-साथ जनपद- वासियों का हाल बेहाल है यहां तक कि जनपद में संचालित सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भी विद्युत व्यवस्था का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अस्पतालों में मरीज अपने हाथों में पंखा ले कर चलाते नजर आए तो ऑपरेशन थिएटर पर मोबाइल टोर्च की रोशनी में डॉक्टर ऑपरेशन करते नजर आए। यहां तक कि प्रसव प्रक्रिया भी मोबाइल टॉर्च की रोशनी में संपन्न कराई जा रही है। विद्युत व्यवस्था फेल होने के बावजूद यहां के सरकारी अस्पतालों में जनरेटर नहीं चलाया जाता है। जिसका जीता जागता उदाहरण उस समय देखने को मिला जब जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीज अपने हाथों से पंखा चलाते नजर आए तो महरौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज और प्रसूताओं का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में कराया गया।

हालत बेहाल,बिजली बे जवाबदार


मिली जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा 2022 के चुनाव संपन्न होने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया था कि प्रदेश को 24 घंटे विद्युत व्यवस्था दी जाएगी। लेकिन उनके सारे दाबे इस समय पड़ रही भीषण गर्मी के दौरान फेल नजर आ रहे है। जनपद में जिला मुख्यालय के साथ-साथ कस्बों और ग्रामीण अंचलों की स्थिति काफी खराब है यहां पर लगातार हो रही अंधाधुंध विद्युत कटौती के कारण आम लोगों का जीना दुश्वार हो रहा है। जनपद की हालत तो यहां तक खराब है कि विद्युत कटौती के दौरान चिकित्सालयों की हालत काफी खराब है जिला चिकित्सालय से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विद्युत कटौती के चलते अस्पताल में भर्ती मरीजों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को बिजली कटौती के दौरान जनरेटर का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है जिससे वहां मरीज अपने हाथ से ही पंखे हिलाकर या फिर किसी कपड़े अखबार से हवा करते हुए नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही नवजातों और प्रसूताओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ साथ महरौनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एक्सीडेंट के दौरान पहुंचे गंभीर मरीज का इलाज मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया जा रहा है और ऑपरेशन प्रक्रिया के दौरान भी मोबाइल टार्च का ही सहारा लिया जा रहा है। वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस तरह मरीज विद्युत कटौती और जनरेटर के अभाव में किस तरह बेहाल है। स्वास्थ्य विभाग की हालत तो यहां तक खराब है कि अस्पतालों में सरकार द्वारा जनरेटर डीजल के लिए भेजे गए फंड के बावजूद यहां पर जनरेटर नहीं चलाया जाता है।

देसी जुगाड़ से मरीज को दे रहा राहत


इस मामले में एक्सीडेंट का दौरान घायल हुए घनश्याम के भाई मेहरबान ने अहिरबार ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महरौनी में ना तो लाइट व्यवस्था है और ना ही जनरेटर चलाया जा रहा है इसके साथ ही यहां पर कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं है। स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त हैं यहां पर मरीजों की जान को खतरा है। यहां पर मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुकेश दुबे ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कमियों को स्वीकार करते हुए बताया कि यहां के अधीक्षक से बात करके यहां की कमियों को पूर्ण रूप से दुरुस्त किया जाएगा। सीएचसी पर बिजली की समस्या को शीघ्र ठीक करने के आदेश सीएचसी अधीक्षक को दिए हैं। गर्मी के मौसम में लाइट जाने के बाद जनरेटर चलाया जाये यह भी आदेश दिया गया हैं।

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