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गुजरात के IAS के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में CBI ने दाखिल की चार्जशीट, ये है पूरा मामला

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Kranti समय

गुजरात, गुजरात के सुरेंद्र नगर के 2011 बैच के आईएएस अधिकारी कनकीपति राजेश और सूरत के एक व्यवसायी के खिलाफ अवैध काम के बदले रिश्वत मांगने के आरोप में सीबीआई ने चार्जशीट दायर की है। सीबीआई ने इस मामले में जांच के दौरान दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के अनुसार जिन लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई है उनमें गुजरात के पूर्व जिला अधिकारी राजेश और सूरत स्थित कंपनी जींस कॉर्नर के मालिक मोहम्मद रफीक मेमन शामिल है।

आरंभिक जांच में महत्वपूर्ण तथ्य पाए जाने के बाद कानूनी कार्रवाई की गई थी। सीबीआई जांच के दौरान पता चला कि फैक्ट्री के मालिक ने डीएम को बचाने के लिए जाली दस्तावेज के साथ झूठे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड बनाए। आरोप है कि इस निजी कंपनी के मालिक ने जिस कंप्यूटर से यह दस्तावेज बनाए थे उनको भी नष्ट कर दिया जिससे सीबीआई की जांच आगे नहीं बढ़ सके। सीबीआई ने जांच के दौरान इस निजी कंपनी के मालिक और डीएम दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में जांच जारी है।

क्या आरोप लगे? आरोप है कि 2011 बैच के आईएएस अधिकारी ने सुरेंद्र नगर में डीएम के पद पर रहते हुए अपात्र लोगों को शस्त्र लाइसेंस प्रदान करने, शासकीय भूमि के आवंटन और अतिक्रमण की गई शासकीय भूमि के नियमितीकरण के संबंध में रिश्वत की मांग की। यह भी आरोप है कि यह रिश्वत एक व्यवसायी के माध्यम से ली गई। जांच के दौरान पाया गया कि 98 हजार रुपए की कथित रिश्वत डीएम के निर्देश पर निजी फर्म के मालिक के खाते में जमा की गई।

आरोप यह भी है कि यह राशि उस रिश्वत का एक भाग थी जिसे डीएम ने मांगी थी। इस दौरान यह भी पाया गया कि उस कंपनी के मालिक ने ड्रेस मटेरियल बेचने का दावा करते हुए चार जाली इनवॉइस तैयार की और इन इनवॉइस को तैयार करने का मकसद डीएम तक रिश्वत पहुंचाना था। सीबीआई के मुताबिक जांच के दौरान निजी कंपनी के मालिक द्वारा जांच अधिकारी को जो चार इनवॉइस पेश की गई। जांच के दौरान पता चला कि वह चारों जाली थी।

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