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सूरत की 3,अहमदाबाद व भावनगर मनपाओं तथा सुडा की 1-1 प्रिलिमनरी टीपी स्कीमों को मंजूरी

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सूरत की 3,अहमदाबाद व भावनगर मनपाओं तथा सुडा की 1-1 प्रिलिमनरी टीपी स्कीमों को मंजूरी

6 प्रिलिमिनरी तथा 1 ड्राफ़्ट टीपी स्कीमों में लगभग 26 हज़ार ईडब्ल्यूएस आवास निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध होगी

गांधीनगर,मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में नगरीय विकास को अधिक व्यापक एवं वेगवान बनाते हुए सोमवार को अहमदाबाद, सूरत तथा भावनगर महानगरों सहित कुल 7 टाउन प्लानिंग स्कीमों (नगर नियोजन योजनाओं) को स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने जो7 टीपी स्कीमें स्वीकृति की हैं, उनमें सूरत की 4 प्रिलिमनरी स्कीमें, अहमदाबाद व भावनगर महानगरों की 1-1 प्रिलिमिनरी स्कीमें तथा बावळा नगर पालिका की 1 ड्राफ़्ट टीपी स्कीम शामिल हैं। पटेल ने सूरत की जिन 4 प्रिलिमिनरी टीपी स्कीमों को मंज़ूरी दी है, उनमें सूरत महानगर पालिका की प्रिलिमिनरी टीपी स्कीम नं. 27 भटार-मजूरा, प्रिलिमिनरी स्कीम नं. 51 डभोली, प्रिलिमिनरी स्कीम नं. 50 वेड-कतारगाम तथा सूरत नगर विकास प्राधिकरण (सुडा) की प्रिलिमिनरी स्कीम नं. 85 सरथाणा-पासोदरा-लासकाणा शामिल हैं।


सूरत महानगर पालिका की इन 3 प्रिलिमिनरी टीपी स्कीमों के स्वीकृत होने के फलस्वरूप बाग़-उद्यान, खेल-कूल मैदान के लिए कुल 8.94, सार्वजनिक सुविधा के कार्यों के लिए कुल 16.96 तथा आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के 7600 ईडब्ल्यूएस आवासों के निर्माण के लिए 8.58 हेक्टेयर्स भूमि उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री द्वारा सुडा की प्रिलिमिनरी टीपी स्कीम नं. 85 सरथाणा-पासोदरा-लासकणा स्वीकृत की गई है, जिसके कारण सार्वजनिक सुविधा के कार्यों के लिए 9.25, बाग़-उद्यान व खेल-कूद मैदानों जैसी सुविधाओं के लिए 6.69 और 5100 ईडब्ल्यूएस आवासों के निर्माण हेतु 5.72 हेक्टेयर्स भूमि संप्राप्त होगी। सुडा की 1 प्रिलिमिनरी टीपी स्कीम में कुल 23.41 हेक्टेयर्स तथा सूरत महानगर पालिका की 3 प्रिलिमिनरी टीपी स्कीमों में कुल 41.08 हेक्टेयर्स भूमि संप्राप्त होगी, जिसमें से 1.73 हेक्टेयर्स भूमि बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। इस बिक्री से प्राप्त धन से अंतरढाँचागत सुविधाओं के ख़र्च का निर्वहन किया जा सकेगा। सूरत महानगर पालिका की 3 प्रिलिमिनरी टीपी स्कीमों; नं. 51 डभोली, नं. 24 भटार-मजूरा तथा नं. 50 वेड-कतारगाम; इन तीनों में संप्राप्त कुल भूमि में कुल 6.84 हेक्टेयर्स भूमि बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। इससे अंतरढाँचागत सुविधाओं के ख़र्च का निर्वहन हो सकेगा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल द्वारा स्वीकृत की गई अहमदाबाद महानगर पालिका की प्रिलिमिनरी टीपी स्कीम नं. 81 लांभा-लक्ष्मीपुरा में कुल 19.86 हेक्टेयर्स भूमि संप्राप्त होगी। इसमें से 8.05 हेक्टेयर्स भूमि बिक्री के लिए उपलब्ध होगी, जिससे अंतरढाँचागत सुविधाओं के ख़र्च का निर्वहन हो सकेगा। इसके अतिरिक्त उद्यान तथा खेल-कूद मैदानों के लिए 3.12 तथा सामाजिक-आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग के लोगों के लिए लगभग 2700 ईडब्ल्यूएस आवास निर्माणार्थ 3.01 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने भावनगर महानगर पालिका की प्रिलिमिनरी टीपी स्कीम नं. 7 अधेवाडा को भी स्वीकृति दी है। इसके चलते 11.32 हेक्टेयर्स भमि संप्राप्त होगी। इसमें बाग़-उद्यान, खेल-कूद मैदान तथा खुली जगह के लिए 1.57 तथा सार्वजनिक सुविधाओं के लिए 2.81 हेक्टेयर्स भूमि उपलब्ध होगी। इन अंतरढाँचागत सुविधाओं के ख़र्च के निर्वहन के लिए बिक्री योग्य 4.57 हेक्टेयर्स भूमि उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त भावनगर की इस स्कीम में 2600 ईडब्ल्यू आवास निर्माणार्थ 2.94 हेक्टेयर्स भूमि उपलब्ध होगी।
भूपेंद्र पटेल ने इन तीन महानगरों के उपरांत अहमदाबाद ज़िले की बावळा नगर पालिका की ड्राफ़्ट टीपी स्कीम नं. 4 (बावळा) को भी स्वीकृति दी है, जिसमें कुल 54.88 हेक्टेयर्स भूमि संप्राप्त होने वाली है। बावळा की इस ड्राफ़्ट टीपी स्कीम नं. 4 में कुल संप्राप्त भूमि में खुले मैदान-उद्यान के लिए 7.81, सार्वजनिक सुविधाओं के लिए 11.26 तथा लगभग 8 हज़ार EWS आवास निर्माणार्थ 8.95 हेक्टेयर्स भूमि उपलब्ध होगी। कुल संप्राप्त भूमि में 25.64 हेक्टेयर्स भूमि बिक्री के लिए उपलब्ध होगी, जिससे प्राप्त धन से अंतरढाँचागत सुविधाओं के ख़र्च का निर्वहन हो सकेगा।
यहाँ उल्लेखनीय है कि गुजरात टीपी स्कीम एक्ट 1976 के अंतर्गत राज्य में टीपी स्कीमें बनाई जाती हैं। इस लैण्ड पुलिंग मेथड में सभी भूस्वामियों की भूमि को एकत्र कर सामान्यत: 40 प्रतिशत भूमि कटौती में लेकर 60 प्रतिशत भूमि भूस्वामियों को वापस लौटाई जाती है। अब जो 40 प्रतिशत भूमि सम्बद्ध नगरीय विकास प्राधिकरण या महानगर पालिका/नगर पालिका को संप्राप्त होती है, उसे सड़क, उद्यान, मैदान, ईडब्ल्यूएस आवास, नेबरहुड सेंटर, स्वास्थ्य व शैक्षिक सुविधाओं के लिए उपयोग में लिया जाता है। ऐसी टीपी स्कीमें लोगों की सहमति तथा जनभागीदारी से बनाई जाती हैं।

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