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कोरोना विरोधी युद्ध में गुजरात ने देश की बड़ी मदद की, देश के फार्मा एक्सपोर्ट में गुजरात का 25 प्रतिशत हिस्सा है : मोदी

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भरुच जिले में 8000 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास-लोकार्पण भरुच , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भरूच ज़िले के आमोद से राज्य के प्रथम बल्क ड्रग पार्क का शिलान्यास सहित 8200 करोड़ रुपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण-शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने जंबूसर में लगभग 2506 करोड़ रुपए के ख़र्च से निर्मित होने वाले राज्य के सर्वप्रथम सुविधायुक्त बल्क ड्रग पार्क का शिलान्यास करने के साथ दहेज में लगभग 568 करोड़ रुपए के ख़र्च से निर्मित होने वाले डीप-सी पाइपलाइन प्रोजेक्ट, अंकलेश्वर व पानोली में 30 करोड़ रुपए के ख़र्च से निर्मित होने वाले मल्टी-लेवल औद्योगिक शेड तथा 100 करोड़ रुपए के ख़र्च से अंकलेश्वर एयरपोर्ट फेज़-1 कार्य का भी शिलान्यास कर गुजरात को विकास की एक और भेंट दी। मोदी ने गुजरात सरकार के सार्वजनिक उपक्रम गुजरात आल्कलीज़ एण्ड केमिकल्स (जीएसीएल) का 4105 करोड़ रुपए का विभिन्न विस्तारीकरण प्लांट राष्ट्र को समर्पित किए। जीएसीएल के ये विभिन्न प्लांट्स देश की अमूल्य विदेशी मुद्रा की बचत करने के साथ राष्ट्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में आगे बढ़ने में सहायता करेंगे। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने नेशनल एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (नाल्को) के साथ संयुक्त उपक्रम जीएसीएल-नाल्को आल्कलीज़ एण्ड केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड (जीएनएएल) भी राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने बनासकाँठा ज़िले के मुडेठा में 70.87 करोड़ रुपए के ख़र्च से निर्मित होने वाले एग्रो फ़ूड पार्क, भरूच ज़िले के वालिया, छोटा उदेपुर ज़िले के वनार, दाहोद ज़िले के चाकलिया एवं बनासकाँठा ज़िले के अमीरगढ में 127.58 करोड़ रुपए के ख़र्च से निर्मित होने वाले 4 ट्राइबल औद्योगिक पार्क, वलसाड ज़िले के कठवाडी-दाँती में 89.98 करोड़ रुपए के ख़र्च से आकार लेने वाले सी-फ़ूड पार्क तथा महीसागर ज़िले के खांडीवाव में 176.94 करोड़ रुपए के ख़र्च से स्थापित होने वाले एमएसएमई पार्क का भूमिपूजन किया। उन्होंने भरूच शहर में 117.53 करोड़ रुपए के ख़र्च से निर्मित भूमिगत ड्रैनेज तथा एसटीपी, 42 करोड़ रुपए के ख़र्च से निर्मित उमला-आसा-पानेठा मार्ग और 315 करोड़ रुपए के ख़र्च से आईओसीएल द्वारा निर्मित दहेज-कोयली पाइपलाइन का भी लोकार्पण किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने गुजरात तथा देश के विकास में भरूच की महत्वपूर्ण भूमिका विशेष रूप से उल्लेख किया। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि एक समय खारी सींग (सॉल्टेड पीनट्स) के लिए विख्यात भरूच ज़िले ने अब उद्योगों, बंदरगाहों तथा व्यापार-उद्योगों से वैश्विक पहचान प्राप्त की है। नर्मदा तट पर स्थित इस पवित्र भूमि की संतानों कनैयालाल मुनशी, पंडित ओमकारनाथ शास्त्री जैसे महानुभावों ने भरूच के साथ गुजरात को भी गौरव दिलाया है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक गति-प्रगति में सिरमौर रहे भरूच एवं अंकलेश्वर का ट्विन सिटी मॉडल आधारित विकास हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी तीन दिवसीय यात्रा केदौरान लोकार्पित-शिलान्यासित किए गए कार्यों में आवंटित धन पूर्ववर्ती सरकारों के कुल वार्षिक बजट जितना है।उन्होंने कहा कि नरेन्द्र तथा भूपेंद्र; डबल इंजन सरकार के परिणामस्वरूप राज्य में विकास कार्य बड़े पैमाने पर और तीव्र गति से पूर्ण होते हैं। उन्होंने कहा कि दो दशक पहले राज्य की पहचान व्यापारी राज्य के रूप में थी। इसके स्थान पर आज गुजरात खेती, उद्योगों, कोस्टल लाइन, बंदरगाहों, समुद्री व्यापार से व्यस्ततम् हुआ है और दो दशकों में गुजरात सर्वांगीण विकास के साथ गुणात्मक परिवर्तन का साक्षी बना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के कुल फार्मास्युटिकल उद्योग में गुजरात का 25 प्रतिशत हिस्सा है, जो राज्य के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि है। मोदी ने कहा कि दवाई उत्पादन में अग्रसर गुजरात ने कोरोना काल मंत इन दवाइयों-वैक्सीन के माध्यम से देश की बड़ी सेवा की है। उन्होंने इसकी भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था समग्र विश्व में दसवें क्रम पर थी, जो आज ब्रिटेन को पीछे छोड़ कर पाँचवें क्रम पर आ गई है। भारत पर 250 वर्षों तक शासन करने वाला देश आज पीछे रह गया है। भारत को इतनी सुदृढ़ अर्थव्यवस्था बनाने का श्रेय देश के छोटे-बड़े सभी उद्यमियों को जाता है। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यदि नीति व नीयित; दोनों साफ़ हों, तो उनके आधार पर विकास के सपने साकार करने का वातावरण सुदृढ़ बनता है। प्रधानमंत्री ने बीस वर्ष पूर्व गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में जीवन जीने की विकटता तथा भयावह स्थिति की याद को ताज़ा कराते हुए कहा, “आदिवासी बंधु काली मज़दूरी कर पेट भरते थे। भरूच तो लोगों के पलायन से ख़ाली होने की तैयारी में था। इसमें भी अपराधी बेख़ौफ़ थे। माताओं-बेटियों को रात में निकलने से पहले सोचना पड़ता था। क़ानून-व्यवस्था की ऐसी बुरी स्थिति में गुजरात के आत्मा को छलनी करने के प्रयास होते थे। हमारी सरकार ने अच्छे-अच्छे ख़ैरख़ाओं को जेल की सलाखें गिनने पर विवश कर दिया है। इस शांति का लाभ सभी लोगों को मिला है। इसी कारण मुझे माताओं का भरपूर आशीर्वाद मिला है।” प्रधानमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरदार सरोवर प्रोजेक्ट की तरह भरूच के भाडभूत बैराज को अवरुद्ध करने के षड्यंत्र के अर्बन नक्सलियों के अतीत के प्रयास से अवगत गुजरात की समझदार जनता कभी भी सफल नहीं होने दे सकती। कुछ अर्बन नक्सली गुजरात में उड़ान भरते हुए आए हैं और गुजरात के युवाधन को गुमराह करने का हीन प्रयास कर रहे हैं। हमने देश के अनेक राज्यों में नक्सलवाद के दुष्परिणाम देखे हैं, परंतु गुजरात में हम उमरगाम से अंबाजी तक के आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सिंचाई, रोज़गार, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ देकर आदिवासी युवाओं को मुख्य धारा में लाने में सफल हो चुके हैं। उन्होंने ‘वोकल फ़ॉर लोकल’ के मंत्र का अनुकारण कर इस दीपावली पर्व पर स्वदेशी आतिशबाज़ी की ख़रीदारी कर ग़रीब कारीगरों के घरों में उजाला फैलाने और उन्हें बारहों महीने पटाखे की चमक समान विशिष्ट चमक की भेंट देने का आह्वान किया। इससे पहले संबोधन के आरंभ में नरेन्द्र मोदी ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “उनके निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है। उनका आशीर्वाद मेरे लिए अनमोल धरोहर है। घोर राजनीतिक विरोधाभास के बीच भी उनका मेरे प्रति निरंतर स्नेह रहा है।”

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