सूरत. बचपन में सभी ने स्टेच्यू खेल खूब खेला है। इसमें किसी एक व्यक्ति को स्टेच्यू बोलकर दूसरे साथी उसका मजा लिया करते थे। जिसे स्टेच्यू बोला है, वह बेचारा जब तक रिलीज न बोला जाए उसी मुद्रा में खड़ा रहता था। सर्किट हाउस में जाने-अनजाने कांग्रेस अपने एक कार्यकर्ता के साथ स्टेच्यू खेल गई। जब तक कांग्रेस नेता संवाददाताओं से मुखातिब रहे, कार्यकर्ता स्टेच्यू मुद्रा में बैनर का एक कोना लेकर खड़ा रहा। पूरा कार्यक्रम फेसबुक पर भी लाइव चल रहा था, इसलिए कार्यकर्ता के पास हाथ बदलने या राहत लेने का भी कोई ऑप्शन नहीं था।
कांग्रेस ने शनिवार सुबह बैक टु बैक संवाददाताओं से बातचीत के दो सेशन रखे थे। पहले सेशन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो दूसरे सेशन में कांग्रेस प्रवक्ता आलोक शर्मा मीडिया से संवाद कर रहे थे। सुबह करीब नौ बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम साढ़े दस बजे तक चला था। नेताओं के पीछे बैनर लगाने के लिए कोई व्यवस्थित इंतजाम नहीं हो पाया तो नेताओं ने बैनर का एक कोना लेकर कार्यकर्ता को ही खड़ा कर दिया। कुर्सी पर बैनर का कोना पकडक़र यह कार्यकर्ता उस वक्त तक उसी तरह खड़ा रहा, जबतक कार्यक्रम पूरा नहीं हो गया। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, गुजरात प्रभारी रघु शर्मा और राष्ट्रीय प्रवक्ता आलोक शर्मा समेत दूसरे बड़े नेताओं का ध्यान इस पर नहीं गया कि कार्यक्रम बीच में रोककर कार्यकर्ता को राहत देते हुए किसी दूसरे कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दे दी जाए।