सुरत, शहर में सूरत नगर निगम द्वारा संचालित नगर प्राथमिक शिक्षा समिति में नौ माह पूर्व उपशासनाधिकारी की नियुक्त किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया था। उपशासनाधिकारी के रूप में महेश पाटिल की नियुक्ति की घोषणा होने से पहले ही विपक्ष ने इस नाम की घोषणा की थी और आरोप लगाया था कि नियुक्ति फिक्शिंग के आधार पर हो रही है। फिलहाल उपशासनाधिकारी के अचानक इस्तीफे से शिक्षा समिति की राजनीति गरमा गई है। शिक्षा समिति में आंतरिक कलह या इस्तीफे की कोई निजी वजह? इसको लेकर शिक्षा समिति में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
सूरत नगर प्राथमिक शिक्षा समिति में लंबे समय से उपशासनाधिकारी का पद रिक्त होने और इस पद को नहीं भरे जाने के कारण विवाद हुआ था। लंबे विवाद के बाद आखिरकार उपशासनाधिकारी का साक्षात्कार हुआ। महेश पाटिल ने भी इस पद के लिए जोर-शोर से पैरवी की थी और अपना पूरा दम भी लगा दिया था। शिक्षा समिति द्वारा कुलपति के नाम की घोषणा से पहले ही सोशल मीडिया पर महेश पाटिल के नाम की घोषणा कर दी गई थी। जिसे लेकर भी बड़ा विवाद हो गया था। हालांकि, नियुक्ति के नौ महीने के भीतर उन्होंने दो बार इस्तीफा देने की कोशिश की थी। लेकिन अब महेश पाटिल ने एक बार फिर अपना इस्तीफा दे दिया है और इसके साथ ही एक ओर विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि बताया जा रहा है कि महेश पाटिल ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। लेकिन अभी तक यह इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है।
वही दूसरी ओर नगर प्राथमिक शिक्षा समिति में राजनीति की चर्चा तेज हो गई है। शिक्षकों व प्रशासन के बीच चल रही चर्चा के अनुसार उपशासनाधिकारी के पद पर कार्यरत महेश पाटिल भले ही इस समय पारिवारिक कारणों से इस्तीफा देने की बात कह रहे हैं। लेकिन चर्चा यह भी है की समिति की आंतरिक राजनीति से उन्हें परेशान किया जा रहा है।