सुरत, सूरत में आयोजित बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेंद्र शास्त्री के दो दिवसीय कथा कार्यक्रम में व्यवस्थाओं की कमी के कारण अफरातफरी मच गई। जिससे लोग ग्रिल से कूद कर अंदर भागने लगे। उन्हें रोकने के लिए जवानों को लाठियां उठानी पड़ी। जबकि अफरातफरी में कई परिवार के सदस्यों से बिछड़ गए। उसी समय अंदर प्रवेश करने वाला वीआइपी गेट भी बंद किया गया। सभी को रोकने के लिए पुलिस का एक बड़ा बेड़ा लगा हुआ था। नीलगिरी मैदान में व्यवस्थाएं ठीक नहीं होने से हर तरफ अफरा-तफरी मच गई। शुरुआती लाइन में ही इतनी भीड़ थी कि भीड़ में बच्चे कुचल गए। वे वहीं रोने लगे। दबे-कुचले और बिछड़े बच्चों के परिजन आयोजकों से नाराज थे।
भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि वीआईपी गेट को ही बंद करना पड़ा क्योंकि उस पर काबू पाना नामुमकिन हो गया था। बाहर खड़े लोगों में काफी गुस्सा था। पसंदीदा लोगों को आयोजकों के माध्यम से वीआईपी पास बांटे और कई लोगों को आई कार्ड भी दिए गए। ताकि लोग जमा हो सकें लेकिन भीड़ इतनी हो गई कि जो वास्तव में आना चाहते थे वे ही बाहर रह गए। सुबह से बाबा का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को बाबा ने दर्शन दिए। कथा प्रारंभ करने से पूर्व आरती की गई। कथा सुनने के लिए काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। कहानी को पचाने के लिए लोगों ने अपनी-अपनी जगह व्यवस्था कर ली है और पुलिस भी किसी तरह की अव्यवस्था न हो इसका ध्यान रख रही थी।