सुरत, स्मीमेर अस्पताल में 10 महीने की बच्ची को उचित इलाज नहीं मिलने के साथ सही समय पर सर्जरी भी नही होने के कारण 5 दिन के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। समय पर इलाज न होने के कारण यह घटना बनी एसा परिजानों द्वारा डॉक्टर समेत अस्पताल की व्यवस्था पर आरोप लगाया जा रहा है साथ ही परिजनों का कहना है की डॉक्टरों को पहले से ही पता था कि सर्जरी करना जरुरी है। पूरी घटना पर स्मीमेर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जितेंद्र दर्शन ने कहा की “हम इस मामले के सभी तथ्यों को जानने के बाद ही किसी निश्चित निर्णय पर पहुंचेंगे। डॉक्टरों ने बताया है कि बच्ची को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और इस वजह से बच्ची के ऑपरेशन में भी दिक्कत आ रही थी।उन्होंने कहा है कि इस मामले में जांच सौंपी गई है।”
नवागाम डिंडोली के राधा स्वामीनगर निवासी 10 माह की नायरा सतीश सीरसाथ को पेट की समस्या के कारण 21 मई को स्मीमेर में भर्ती कराया गया था। अगले दिन इस बच्चे का प्राथमिक निदान यह हुआ कि पेट में टीका लग चुका था, बच्चे को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। 4-5 दिन बाद डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने को कहा लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 25 तारीख को दोपहर 12 बजे उसका ऑपरेशन भी होना था, लेकिन चार बजे तक डॉक्टर नहीं आए और बच्ची की वहीं मौत हो गई। इस संबंध में बच्ची के पिता ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों को पहले से ही पता था कि बच्ची को ऑपरेशन की जरूरत है, लेकिन उन्होंने उसे भेज दिया और कोई इलाज नहीं किया और अंततः समय पर इलाज न मिलने के कारण बच्ची की जान चली गई।