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सुरत आरटीओ द्वारा नोटिस के बावजूद टैक्स नहीं चुकाने पर आरटीओ द्वारा 3359 वाहनों को किया गया ब्लैक लिस्ट

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क्रांति समय

सुरत, सूरत आरटीओ ने टैक्स रिफंड के आरोप में 3359 वाहनों को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। वाहन मालिक लंबे समय से निजी बसों और मालवाहक वाहनों का सालाना टैक्स नही चुक रहे थे। बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद आंखें मूंद लेने वाले इन वाहन मालिकों की मदद के लिए वाहनों को ब्लैक लिस्ट किया गया है। जिन वाहनों को ब्लैक लिस्ट किया गया है, वे भी सुविधा केंद्र पर स्कैप नहीं कर सकेंगे। इतना ही नहीं जब तक टैक्स का भुगतान नहीं किया जाता तब तक वाहन ट्रांसफर या कोई अन्य ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है। निजी लग्जरी बस संचालकों को बस में बैठने की क्षमता के हिसाब से आरटीओ को टैक्स देना होता है। इसी तरह मालवाहक ट्रकों को भी निर्धारित टैक्स देना होता है, लेकिन चूंकि कुछ वाहन मालिक आरटीओ को टैक्स देने से मना कर रहे हैं, इसलिए वर्तमान में आरटीओ के बहीखाते में 3359 वाहनों पर 53.31 करोड़ का टैक्स बकाया है। 53.31 करोड़ केवल टैक्स है। अब टैक्स समय पर नहीं भरा तो पेनल्टी और ब्याज अलग से लगेगा।

बकाया टैक्स जमा करने के लिए भेजे गए नोटिस की अवहेलना करने वाले 3359 वाहन मालिको के वाहनों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इन वाहनों को काली सूची में डालने का एकमात्र कारण यह है कि टैक्स न देने वाले अपने वाहनों को सुविधा केंद्रों पर कबाड़ में नहीं लगवा सकते हैं। इसके अलावा, वाहन मालिक ब्लैक लिस्ट में शामिल वाहनों का टैक्स चुकाने के लिए आरटीओ कार्यालय पहुंचे। अब तक 10 से ज्यादा वाहन मालिक टैक्स चुका चुके हैं। किसी ने एक साल से टैक्स नहीं दिया तो किसी ने दो-तीन साल से आरटीओ का दौरा नहीं किया। वर्तमान में, आरटीओ के पास 3359 वाहन हैं, जिन पर 53.31 करोड़ रुपये का अनुमानित कर बकाया है। भारी टैक्स बकाया होने के कारण टैक्स डिफॉल्टरों के खिलाफ प्रभारी आरटीओ ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

सूरत के आरटीओ आकाश पटेल ने कहा कि कुछ वाहन मालिक लंबे समय से वाहन कर का भुगतान करने के लिए कार्यालय नहीं आए हैं। बार-बार नोटिस जारी करने के बावजूद  बकाया टैक्स का भुगतान नहीं कर रहा है। उस समय परिवहन आयुक्त के आदेश के बाद 3359 वाहनों को टैक्स रिफंड के कारण बैकलिस्ट किया जा चुका है। इन वाहन स्वामियों को सरकार की नीति का लाभ तब तक नहीं मिलेगा जब तक वे सरकार को देय कर का भुगतान नहीं कर देते।

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