सुरत, सूरत के सचिन जीआईडीसी थाने में दर्ज हत्या के मामले में शामिल आरोपी को 10 साल बाद पकड़ा गया है। आरोपी वर्ष 2013 से वांछित था और उस पर पुलिस द्वारा 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित था। आखिरकार सूरत क्राइम ब्रांच की टीम ने सूचना के आधार पर हत्यारे को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की। सूरत पुलिस ने मोस्ट वांटेड आरोपियों को पकड़ने के लिए विभिन्न नकद पुरस्कारों की घोषणा भी की है। उस समय सूरत पुलिस आयुक्त ने दस वर्षों से पुलिस को चकमा दे रहे आरोपी संजय उर्फ सौरभ यदुवंशी यादव को पकड़ने के लिए 20 हजार रुपये के इनाम की भी घोषणा की थी। सचिन जीआईडीसी की हत्या के वर्षों बाद सूरत क्राइम ब्रांच की टीम ने सूचना के आधार पर आरोपी को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर सचिन जीआईडीसी पुलिस को सौंप दिया।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और कड़ी पूछताछ के बाद पता चला कि आरोपी अपने साथी विजय पंडित, लखन कोरी, अमित राजकुमार ठाकुर, अनूप ठाकुर, अखिलेश पांडेय, अमित जयकरन यादव के साथ 2013 में सूरत शहर में गिरोह चला रहा था। जो सचिन क्षेत्र में अपना वर्चस्व जमाने के लिए प्रदीप उर्फ मामू कुसवाह से रंजिश रखता था। जिसके जवाब में 27-10-2013 को रात करीब नौ बजे सचिन ईश्वर नगर के समीप वर्तमान में गिरफ्तार आरोपी व उसके साथियों ने प्रदीप उर्फ मामू व उसकी महिला अंगरक्षक राजरानी मिश्रा पर हथियारों से हमला कर फायरिंग कर दी गई थी। जिसमें महिला अंगरक्षक राजरानी मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज होने पर सभी आरोपी सूरत शहर छोड़कर अपने गाँव भाग गए थे।